Haridwar me Ghumne ki Jagah |हरिद्वार में घूमने की जगह

हरिद्वार उत्तराखंड, भारत में स्थित एक प्रमुख प्राचीन धार्मिक नगर है जिसे “देवों की नगरी” के रूप में भी जाना जाता है। यह नगर गंगा नदी के किनारे स्थित है और हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है।

इस लेख में, हम आपको हरिद्वार में Haridwar me Ghumne ki Jagah | हरिद्वार में घूमने की जगह की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। हरिद्वार, उत्तराखंड के एक प्रमुख प्राचीन धार्मिक नगर में स्थित है, जो धार्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।

1.दक्षेश्वर महादेव मंदिर Haridwar me Ghumne ki Jagah

Haridwar me Ghumne ki Jagah

दक्षेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है जिसे विशेष रूप से महादेव (भगवान शिव) की पूजा और अर्चना के लिए जाना जाता है। यह मंदिर महादेव के पुत्र दक्ष प्रजापति की कथा से संबंधित है और हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

कथा: कथानुसार, दक्ष प्रजापति नामक एक पुरातन ऋषि थे और उनकी पुत्री का नाम सती था, जो बाद में भगवान शिव की पत्नी बनी। दक्ष प्रजापति ने एक महायज्ञ का आयोजन किया और उसमें अपने समस्त पुत्र-पोत्रियों को आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने भगवान शिव और सती को नहीं बुलाया क्योंकि उन्हें शिव की पूजा और अर्चना को नकारने की आदत थी।

सती ने इसका अपमान महसूस किया और उन्होंने अपने शरीर को आग में देने का निर्णय लिया, जिससे वह आत्महत्या कर ली। जब भगवान शिव ने यह जानकर कि सती की मृत्यु हो गई है, तो उन्होंने अपने बालकों से मिलकर उनकी मृत्यु के बाद सती के पिता के यज्ञ का नाश किया और दक्ष प्रजापति को शिव की क्रोधितता का सामना करना पड़ा।

इसके बाद भगवान शिव ने दक्ष प्रजापति के मुख से गोले की तरह सिर काट दिया, लेकिन बाद में उन्होंने उसे एक बकरी के सिर के साथ बदल दिया, जिससे दक्ष का जीवन बच गया। इसके बाद दक्ष ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और माफी मांगी, जिससे उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ।

दक्षेश्वर महादेव मंदिर इसी कथा से संबंधित है और यहां पर दक्ष प्रजापति के पूजा स्थल के रूप में मंदिर स्थापित है। मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है, और यहां पर विशेष रूप से महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।

इसके अलावा, दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पास ही एक सुंदर घाट भी है जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। यहां से आप गंगा आरती का आनंद भी ले सकते हैं।

दक्षेश्वर महादेव मंदिर हरिद्वार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और आपके आगमन का स्वागत करता है जहां आप दिव्यता और शांति का आनंद ले सकते हैं।

2.हर की पौड़ी

Haridwar me Ghumne ki Jagah

“हर की पौड़ी” हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यह नगरी गंगा नदी के किनारे स्थित है और हिन्दू धर्म के विशेष आयोजनों और पूजाओं का केंद्र है।

हर की पौड़ी के महत्व:

  • गंगा आरती: हर की पौड़ी गंगा नदी के किनारे स्थित होने के कारण महत्वपूर्ण है, खासतौर पर गंगा आरती के समय। इस आरती को हर दिन सूर्यास्त के समय और सूर्यास्त के बाद आयोजित किया जाता है। यह आरती भगवान गंगा की पूजा और समर्पण का प्रतीक होती है और लाखों श्रद्धालु यहाँ इसे देखने आते हैं।
  • स्नान: हर की पौड़ी में स्नान करने का महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ पर बालकों, वयस्कों और बूढ़ों को एक साथ देखा जा सकता है, जो गंगा नदी के पवित्र जल में स्नान करते हैं। इसे हिन्दू धर्म में पापों का प्रायश्चित्त माना जाता है।
  • धार्मिक महत्व: हर की पौड़ी धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजनों का केंद्र है। यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु विभिन्न पूजाओं, यज्ञों, आरतियों और सत्संगों में भाग लेते हैं और अपनी आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं।
  • तीर्थस्थल: हर की पौड़ी को हिन्दू धर्म में तीर्थस्थल के रूप में महत्वपूर्ण स्थान मिलता है। यहाँ पर गंगा नदी में स्नान करने से श्रद्धालु अपने आत्मा को शुद्ध मानते हैं और पापों से मुक्ति प्राप्त करने का संबल पाते हैं।

3.मांसा देवी मंदिर

“मांसा देवी मंदिर” हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो मांसा देवी को समर्पित है। यह मंदिर उड़नखटोला (टेलीफेरिक) के साथ एक पहाड़ी पर स्थित है और यहाँ से मांसा देवी की दिव्य दर्शनीयता और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है।

मांसा देवी का महत्व:

  • देवी मांसा की पूजा: मांसा देवी को उत्तर भारत में महत्वपूर्ण देवी माना जाता है और उनकी पूजा विशेष भक्तों द्वारा की जाती है। मांसा देवी को संपत्ति और कुशलता की देवी माना जाता है और उनकी कृपा से श्रद्धालु आर्थिक और आत्मिक उन्नति की कामना करते हैं।
  • उड़नखटोला: मांसा देवी मंदिर पहुँचने के लिए आपको उड़नखटोला का उपयोग करना होता है, जो आपको पहाड़ी के ऊपर ले जाता है। यह यात्रा खुद में एक अनुभव होती है और आपको मांसा देवी के पास पहुँचाती है जहाँ से आप देवी के दर्शन कर सकते हैं।
  • दिव्य दृश्य: मांसा देवी मंदिर से आपको हरिद्वार और गंगा नदी के दिव्य दृश्य का आनंद मिलता है। पहाड़ी से दिखने वाले प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा अद्वितीय होता है और आपके मन को शांति प्रदान करता है।

4.चंडी देवी मंदिर

Haridwar me Ghumne ki Jagah

“चंडी देवी मंदिर” हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो भगवती चंडी देवी को समर्पित है। यह मंदिर भगवती चंडी देवी की पूजा और समर्पण का केंद्र है और यहाँ के विशाल और धार्मिक महत्वपूर्णता के कारण श्रद्धालु यहाँ पर आते हैं।

चंडी देवी मंदिर का महत्व:

  • देवी चंडी की महिमा: मां चंडी देवी को नावंबर माह में विशेष आयोजनों और उत्सवों के साथ पूजा और समर्पण किया जाता है। उन्हें शक्ति और साहस की देवी माना जाता है और उनकी कृपा से श्रद्धालु आध्यात्मिक और भौतिक समृद्धि प्राप्त करने की कामना करते हैं।
  • धार्मिक महत्व: चंडी देवी मंदिर हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है और यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु विभिन्न पूजाओं, आरतियों, यज्ञों और सत्संगों में भाग लेते हैं।
  • प्राकृतिक सौंदर्य: मंदिर स्थल से दिखने वाले प्राकृतिक सौंदर्य की अद्वितीयता है। यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और आपको चरम सुकून की अनुभूति कराता है जब आप ऊंची से नीचे की ओर देखते हैं।

5.हरिद्वार घाट

Haridwar me Ghumne ki Jagah

“हरिद्वार घाट” हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित गंगा नदी के किनारे स्थित धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ पर गंगा नदी की पावनता के साथ-साथ हिन्दू धर्म की महत्वपूर्णता का प्रतीक है और श्रद्धालु यहाँ पर आकर पूजा, स्नान और साधना करते हैं।

हरिद्वार घाट के महत्व:

  • गंगा स्नान: हरिद्वार घाट गंगा नदी के किनारे स्थित होने के कारण स्नान के लिए एक प्रमुख स्थल है। श्रद्धालु यहाँ आकर अपने पापों का प्रायश्चित्त करने के लिए स्नान करते हैं और आत्मा को शुद्ध करते हैं।
  • गंगा आरती: हरिद्वार घाट पर गंगा नदी की आरती का आयोजन होता है, जो हर दिन सूर्यास्त और सूर्यास्त के बाद किया जाता है। यह आरती भगवान गंगा की पूजा और समर्पण का प्रतीक होती है और श्रद्धालु इसे देखने आते हैं।
  • धार्मिकता: हरिद्वार घाट हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है और यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु विभिन्न पूजाओं, आरतियों, यज्ञों और सत्संगों में भाग लेते हैं।
  • कुछवारा घाट: हरिद्वार घाट में कुछवारा घाट भी एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो भगवान विष्णु की पूजा और आराधना के लिए प्रसिद्ध है।

6.सप्त ऋषि आश्रम

Haridwar me Ghumne ki Jagah

“सप्त ऋषि आश्रम” हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो सात वेदिक ऋषियों को समर्पित है। यह आश्रम ध्यान, तपस्या और आध्यात्मिक अभ्यास के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और यहाँ पर श्रद्धालु आत्मा की शांति और स्थिरता की खोज में आते हैं।

सप्त ऋषि आश्रम के महत्व:

  • ध्यान और तपस्या: सप्त ऋषि आश्रम हिन्दू धर्म में ध्यान और तपस्या के लिए एक प्रमुख स्थल है। यहाँ पर श्रद्धालु ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास के लिए आते हैं और अपने मन को शांत करते हैं।
  • ऋषियों की प्रतिमाएँ: सप्त ऋषि आश्रम में सात वेदिक ऋषियों की प्रतिमाएँ स्थित हैं, जो हिन्दू परंपरागत ऋषियों को प्रतिनिधित्व करती हैं। यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु उनकी पूजा और आदर करते हैं।
  • आत्मा की शांति: सप्त ऋषि आश्रम की वातावरण शांतिपूर्ण होती है और यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु आत्मा की शांति और स्थिरता प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
  • प्राकृतिक सौंदर्य: सप्त ऋषि आश्रम की स्थिति पहाड़ों के बीच में होने के कारण यहाँ पर प्राकृतिक सौंदर्य की अद्वितीयता होती है।

7.दिक्षा कुंज

“दिक्षा कुंज” हरिद्वार, उत्तराखंड के धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है। यह स्थल गंगा नदी के किनारे स्थित है और हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण संस्कारों का स्थल है। “दिक्षा कुंज” नाम से इसे जाना जाता है क्योंकि यहाँ पर धार्मिक दिक्षाएँ और संस्कार कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

दिक्षा कुंज के महत्व:

  • संस्कार और दिक्षा: “दिक्षा कुंज” हिन्दू धर्म में विविध संस्कारों और धार्मिक दिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर धार्मिक शिक्षा, संस्कार और दिक्षा कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिनमें विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का अध्ययन और शिक्षा की जाती है।
  • ध्यान और साधना: यह स्थल ध्यान और साधना के लिए भी आदर्श है। यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास करते हैं और अपनी आत्मा को शुद्धि प्राप्त करते हैं।
  • साधु-संत समागम: यहाँ पर समय-समय पर साधु-संत समागम भी आयोजित होते हैं, जिनमें आध्यात्मिक बातचीत और उपदेश का प्रसंग मिलता है।
  • प्राकृतिक सौंदर्य: “दिक्षा कुंज” गंगा नदी के किनारे स्थित होने से प्राकृतिक सौंदर्य की अद्वितीयता रखता है।

8.बारा बाजार

Haridwar me Ghumne ki Jagah

“बारा बाजार” हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख व्यापारिक और विपणि स्थल है। यह बाजार स्थानीय और पर्यटकों के बीच विशेष पसंदीदा खरीदारी की जगह है, जहाँ आप विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ खरीद सकते हैं।

बारा बाजार के महत्व:

  • खरीदारी का स्थल: बारा बाजार विशिष्ट रूप से स्थानीय वस्त्र, आभूषण, हरिद्वार से संबंधित सूवनीर्मित आइटम्स, पूजा सामग्री, हरिद्वार की स्थानीय खाद्य वस्तुएँ आदि की खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है।
  • आध्यात्मिक सामग्री: बारा बाजार में आपको विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्री, धार्मिक आइटम्स, मंगला सूत्र, रुद्राक्ष, पूजा किताबें आदि खरीदने का अवसर मिलता है।
  • स्थानीय शिल्पकला: यहाँ पर स्थानीय शिल्पकला के आकर्षक उत्पाद भी खरीदे जा सकते हैं, जैसे कि हस्तकला वस्त्र, गहने, औषधि पौधों की बोने हुए पैकेट, और उत्तराखंड के पर्यावरण से संबंधित आइटम्स।
  • मिठाइयाँ और खानपान: बाजार में आपको स्थानीय खाद्य-विशेष जैसे कि बाल मिठाई, छोले-भटूरे, आलू पूरी, दही पूरी, और अन्य स्थानिक स्पेशलिटी खाने का भी आनंद मिलता है।

हरिद्वार कैसे पहुँचें:-

  • हवाई मार्ग से (हवाई जहाज़ से): हरिद्वार का नज़दीकी हवाई अड्डे का नाम “जॉली ग्रांट एयरपोर्ट” है, जो देहरादून में है। आप देहरादून से टैक्सी या स्थानीय परिवहन से हरिद्वार तक पहुँच सकते हैं। याह एयरपोर्ट दिल्ली और मुंबई से सीधी उड़ानें शुरू हो गई हैं।
  • ट्रेन से (रेल से): हरिद्वार एक महतवपूर्ण रेलवे स्टेशन है। आप नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और अन्य बड़े शहरों से हरिद्वार के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं। हरिद्वार जंक्शन रेलवे स्टेशन से, आपका मकसद अनुसर आपको स्थानीय परिवहन का प्रबंध करना होगा।
  • बस से (बस से): हरिद्वार को सड़क के लिए जरूर जाना चाहिए। उत्तराखंड में अलग-अलग जगह से हरिद्वार के लिए बस सेवा उपलब्ध है। आप अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) से या निजी बस ऑपरेटरों के द्वार हरिद्वार तक पहुंच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग से (अपने वाहन से): अगर आप अपने खुद के वाहन से आ रहे हैं, तो आप नेशनल हाईवे 58 का इस्तमाल कर सकते हैं जो दिल्ली से हरिद्वार तक जाता है।
  • टैक्सी/कार रेंटल द्वारा: आप टैक्सी या कार रेंटल सेवाओं का इस्तमाल भी करके हरिद्वार पहुँच सकते हैं। हां विकल्प आपको लचीलापन देता है और आप मनपसंद रास्ते से सफर कर सकते हैं।

याद रहे कि आप अपने सफर के लिए पहले से ही थोड़ी सी प्लानिंग करें। आप ऑनलाइन मैप और नेविगेशन ऐप्स का उपयोग करके भी हरिद्वार तक पहुंच सकते हैं।

Haridwar Map

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