Kurukshetra me ghumne ki jagah | कुरुक्षेत्र में घूमने की जगह

कुरुक्षेत्र भारत के हरियाणा राज्य में स्थित एक प्रमुख शहर है जो महाभारत काल के महत्वपूर्ण घटनाओं के स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहां कुछ प्रमुख स्थल हैं जो आपके दर्शनीय हो सकते हैं: Kurukshetra me ghumne ki jagah :-

Table of Contents

1.राजा कर्ण का किला Kurukshetra me ghumne ki jagah

Kurukshetra me ghumne ki jagah

राजा कर्ण का किला भारत के हरियाणा राज्य के करनाल शहर में स्थित है और महाभारत के योद्धा राजा कर्ण के नाम पर है। यह किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो इतिहास और संस्कृति के प्रति रुचि रखने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

राजा कर्ण का किला का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और यह महाभारत काल में बहुत महत्वपूर्ण था। किले की चारों ओर दीवारें हैं और इसके भीतर कई महत्वपूर्ण स्थल हैं जैसे कि राजमहल, मंदिर, बाजार, सड़कें, और सड़कें आदि।

किले का निर्माण लाल पहाड़ी के शिखर पर किया गया है जिससे यह पर्यावरण में बहुत सुंदर दिखता है। आपको यहाँ से किले के चारों ओर की खूबसूरती का आनंद लेने का अवसर मिलेगा और आप महाभारत काल के इतिहास से भरपूर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

राजा कर्ण का किला हरियाणा राज्य के पर्यटन स्थलों में से एक है और आप यहाँ जाकर इसकी महत्वपूर्णता और उसके साथ जुड़े इतिहास का आनंद ले सकते हैं।

2.शेख चिल्ली का मकबरा

Kurukshetra me ghumne ki jagah

शेख चिल्ली का मकबरा कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जो सूफी संत शेख चिल्ली के समर्पण को स्मरण करता है। शेख चिल्ली का नाम भारतीय सूफी संतों में महत्वपूर्ण है और उनके आदर्शों और तपस्या के बारे में कई किस्से प्रसिद्ध हैं।

यह मकबरा मुख्य रूप से शेख चिल्ली के आदर्शों के प्रतीक के रूप में जाना जाता है और यहां उनके भक्त और आवाम आकर्षित होते हैं। मकबरा के आस-पास एक छोटा प्राकृतिक उद्यान भी है जिसमें लोग ध्यान और आध्यात्मिकता का आनंद लेते हैं।

यह स्थल कुरुक्षेत्र में आने वाले धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रीगण के लिए महत्वपूर्ण है और उन्हें शेख चिल्ली के उपदेशों का स्मरण करने का अवसर मिलता है।

3.कुरुक्षेत्र में बिरला मंदिर

कुरुक्षेत्र में बिरला मंदिर, जिसे श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर भी कहा जाता है, एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है जो भगवान विष्णु और गोदेस लक्ष्मी को समर्पित है। यह मंदिर बिरला समूह द्वारा निर्मित किया गया है और यह कुरुक्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।

बिरला मंदिर की स्थापना महाभारत के महत्वपूर्ण युद्ध स्थलों के पास की गई है, जिससे यह मंदिर महाभारत के इतिहास और महत्व के संदेश को प्रस्तुत करता है। मंदिर का आर्किटेक्चर हिन्दू वास्तुशास्त्र की शैली में है और यह भगवान विष्णु और गोदेस लक्ष्मी की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है।

बिरला मंदिर का संग्रहलय भी है, जिसमें महाभारत से संबंधित अनेक आदर्शों, प्रतिमाओं और आवश्यक आवश्यकताओं की जानकारी होती है। मंदिर के पास एक शांति स्तूप भी है जिसमें आवश्यक शांति और त्याग की प्रेरणा दी जाती है।

बिरला मंदिर कुरुक्षेत्र के पर्यटन स्थलों में से एक है और यहाँ आने वाले लोग भगवान की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ धार्मिकता और शांति का अनुभव भी कर सकते हैं।

4.ब्रह्मसरोवर झील कुरुक्षेत्र

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ब्रह्मसरोवर झील कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह झील महाभारत काल से ही महत्वपूर्ण है और हिन्दू धर्म में एक पवित्र स्थल के रूप में पूजा जाता है।

ब्रह्मसरोवर झील को “ब्रह्मसरोवर कुण्ड” भी कहा जाता है और यह मान्यता है कि महाभारत के युद्ध क्षेत्र के रूप में इसका उपयोग हुआ था। इसी जगह पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपने प्रिय शिष्य अर्जुन को गीतोपदेश दिया था, जिसे भगवद गीता के रूप में जाना जाता है।

ब्रह्मसरोवर कुण्ड को स्नान करने का बड़ा मानवादिक महत्व है, और यह विशेष रूप से कुरुक्षेत्र में हर्ष महोत्सव जैसे धार्मिक आयोजनों के दौरान लोगों के द्वारा भाग लिया जाता है।

इसके अलावा, ब्रह्मसरोवर के किनारे परिक्रमा पथ, बालाक मुकुंद मंदिर, सरस्वती कुप और बानगंगा तालाब जैसे आकर्षण भी हैं जो आपके दर्शनीय होते हैं।

ब्रह्मसरोवर कुण्ड कुरुक्षेत्र का एक महत्वपूर्ण पारंपरिक स्थल है जो धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रीगण के लिए आकर्षण का केंद्र है।

5.सरस्वती वन्य जीव अभ्यारण्य

सरस्वती वन्यजीव अभ्यारण्य कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थित एक प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्य है। यह अभ्यारण्य भारतीय वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र के रूप में स्थापित किया गया है और यहाँ विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों का संरक्षण किया जाता है।

यह अभ्यारण्य विभिन्न प्रकार की वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित प्राकृतिक आवास प्रदान करता है, जैसे कि बाघ, सिंह, चीता, हिरण, लोमड़ी, जंगली सूअर, नीलगाय, बंदर, और अन्य वन्यजीव।

यहां के अभ्यारण्य में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए सांख्यिकीय और प्रबंधनीय उपायों का अनुसरण किया जाता है। यहां के क्षेत्र में प्राकृतिक वातावरण की सुरक्षा और उनकी जीवनशैली की रक्षा करने के लिए कई उपाय अपनाए जाते हैं।

यह स्थल पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और यहां के वन्यजीवों की संरक्षण की दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जाते हैं। वन्यजीवों के साथ विविधता के साथ-साथ यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद भी लिया जा सकता है।

6.भीष्म कुंड

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भीष्मकुंड कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थित है और महाभारत के महान योद्धा भीष्म पितामह की याद में बनाया गया एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहां पर उनके अंतिम संस्कार किए गए थे और यह स्थल धार्मिक महत्व के साथ-साथ ऐतिहासिक भी है।

भीष्म पितामह, महाभारत के महत्वपूर्ण पात्रों में से एक थे और उनकी वीरगति महाभारत के महायुद्ध के दौरान हुई थी। उन्होंने महाभारत में पांडवों और कौरवों के बीच मंथन करने की योजना बनाई थी, जिससे युद्ध के दौरान वीरों की मृत्यु होती और उन्हें दीव्य आत्मा का आशीर्वाद प्राप्त होता।

भीष्मकुंड में भीष्म पितामह की स्मृति को समर्पित एक मंदिर है जो वहाँ की प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह स्थल धार्मिक यात्रीगण के लिए महत्वपूर्ण है, और विशेष रूप से वीर भक्तों के लिए यह एक पवित्र स्थल है जो उनके प्रिय महान योद्धा भीष्म की यादों को जिन्दा रखता है।

7.स्थानेश्वर महादेव मन्दिर

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स्थानेश्वर महादेव मंदिर कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह महादेव मंदिर कुरुक्षेत्र के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और यहां लोग भगवान शिव की पूजा अर्चना करने आते हैं।

स्थानेश्वर महादेव मंदिर का नाम ‘स्थानेश्वर’ शिव जी के एक नाम पर रखा गया है, जिसका अर्थ होता है ‘स्थान का ईश्वर’। मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और यह महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों के लिए जाना जाता है।

यह मंदिर कुरुक्षेत्र के पारंपरिक महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है जहां शिवरात्रि, महाशिवरात्रि आदि जैसे शिव जी के विशेष त्योहारों पर भक्त आकर्षित होते हैं।

स्थानेश्वर महादेव मंदिर का वातावरण धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं से भरपूर होता है, और यहां आकर्षण के साथ-साथ शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव किया जा सकता है।

8.श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर

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श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, जिसे बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थित है। यह मंदिर बिरला समूह द्वारा निर्मित किया गया है और भगवान विष्णु और गोदेस लक्ष्मी के समर्पण में है।

यह मंदिर एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है और उसकी स्थापना महाभारत के युद्ध क्षेत्र के पास की गई थी, जिससे यह मंदिर उस समय के ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक है।

बिरला मंदिर का आर्किटेक्चर हिन्दू वास्तुशास्त्र की शैली में है और यह भगवान विष्णु और गोदेस लक्ष्मी की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के आस-पास एक छोटा प्राकृतिक उद्यान भी है जिसमें आप ध्यान और आध्यात्मिकता का आनंद ले सकते हैं।

बिरला मंदिर कुरुक्षेत्र के पर्यटन स्थलों में से एक है और यहाँ आने वाले लोग भगवान की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ धार्मिकता और शांति का अनुभव भी कर सकते हैं।

9.भद्रकाली मंदिर

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भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है जो भगवानी दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर भद्रकाली माता के चमत्कारी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है और यहां लोग माता की विशेष पूजा अर्चना करते हैं।

भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र में पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को माता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। मंदिर की संगीत पुल द्वारा सुंदर झील के पार की दृश्यमान होती है, जिससे यह स्थल आकर्षक दिखता है।

यहां पर माता भद्रकाली की पूजा अनिवार्य रूप से की जाती है, और खासकर नवरात्रि के दौरान यहां आने वाले भक्तों की संख्या बहुत बढ़ जाती है। मंदिर के आस-पास कई धार्मिक और आध्यात्मिक विचारधारा से जुड़े आदर्शों का संग्रह होता है जिससे लोगों को आध्यात्मिक अनुभव का अवसर मिलता है।

भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जो भक्तों के लिए माता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

10.ज्योतिसर्लिंग भगवान शिव मंदिर

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“ज्योतिसर्लिंग भगवान शिव मंदिर” कुरुक्षेत्र, हरियाणा में स्थित एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक स्थल है। यह मंदिर महाभारत के कुरुक्षेत्र क्षेत्र में विशेष महत्व रखता है और भगवान शिव के ज्योतिसर्लिंग की पूजा का स्थल है। यहां कई हजार साल पुराने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के विविध स्थल हैं जिनमें ज्योतिसर्लिंग मंदिर एक प्रमुख है।

मंदिर का निर्माण प्राचीन वास्तुकला की एक श्रेष्ठ उदाहरण है। इसका गोपुरम ऊँचा होता है और विभिन्न कलात्मक भव्यता के साथ विशाल नंदी विमान के रूप में सजीव होता है। मंदिर के आंगन में स्थित ज्योतिसर्लिंग को भक्तों की विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

ज्योतिसर्लिंग मंदिर कुरुक्षेत्र में हिन्दू धर्म के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जहां वे भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति का अभिवादन करते हैं। यहां पर्व के अवसरों पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है और भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति की जाती है।

कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर्लिंग मंदिर का दौरा करके लोग उसके प्राचीनता, धार्मिकता, और ऐतिहासिक महत्व को महसूस करते हैं, जो उसके चारों ओर घूमते हैं। यह स्थल हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका का प्रतीक है और भगवान शिव के प्रति श्रद्धाभक्ति की अद्वितीय व्यक्ति होता है।

11.महाभारत सारोवर

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महाभारत सारोवर, हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र शहर में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह सारोवर कुरुक्षेत्र क्षेत्र के उत्तरी भाग में स्थित है और महाभारत काल के युद्ध स्थलों के पास होने के कारण इसे “महाभारत सारोवर” के नाम से भी जाना जाता है।

यह सारोवर हिन्दू धर्म के अनुसार महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे महाभारत काल में महाभारतीय योद्धाओं का स्नान स्थल माना जाता है। यहां की मिट्टी को शुद्ध माना जाता है और लोग इसके पानी से अपने पुरखों की आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

महाभारत सारोवर के किनारे एक विशाल जैन मंदिर भी स्थित है जिसका निर्माण श्री अतुलय गिरि जी महाराज ने कराया था। इसके अलावा यहां आपको भगवान कृष्ण की एक प्राचीन मंदिर भी दिखाई देता है, जिसे भगवान कृष्ण के आदि द्वारका दौरे के समय का स्मरण किया जाता है।

महाभारत सारोवर का दृश्य आपको एक शांतिपूर्ण और पवित्रता से भरपूर वातावरण प्रदान करता है। यहां आने वाले श्रद्धालु लोग सारोवर के पानी में स्नान करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं।

12.सिता माई मंदिर कुरुक्षेत्र

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सिता माई मंदिर कुरुक्षेत्र, हरियाणा, भारत में स्थित है और हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर माता सीता को समर्पित है, जिन्होंने महाभारत काल में कुरुक्षेत्र क्षेत्र में वनवास गुजारा था। यहां की विशेष महत्वपूर्णता उन समयों के इतिहास से जुड़ी हुई है, जब भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण ने अपने अयोध्या वनवास के दौरान इस स्थल का दर्शन किया था।

मंदिर का निर्माण स्थल वही जगह है जहां सीता माता ने अपनी मातृत्व सीमा की परीक्षा के तहत प्रिथ्वी पर गर्भधान किया था। मंदिर का आकर्षण मुख्य रूप से सीता माता की प्रतिमा है, जिसे सजीव रूप में दिखाया गया है जब वे भूमि पर गिरी थीं।

सिता माई मंदिर कुरुक्षेत्र के पास स्थित होने के कारण, यह स्थल धार्मिकता, श्रद्धा और ऐतिहासिक महत्व के साथ भरपूर है। यहां वर्षभर आयोजित होने वाले त्योहार और महोत्सव भक्तों की भी आकर्षण बढ़ाते हैं, जो सीता माता के आदर्शों और महिलाओं के प्रति समर्पण की महत्वपूर्णता को समझते हैं।

सिता माई मंदिर कुरुक्षेत्र भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक का प्रतीक है, जो आदर्शों, शक्ति और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करता है।

कुरूक्षेत्र कैसे पहुंच सकते हैं:

  • हवाई यात्रा (हवाई यात्रा): यदि आप हवाई जहाज से पहुंचना चाहते हैं, तो इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, नई दिल्ली, कुरुक्षेत्र तक ट्रेन या बस से आगे का सफर कर सकते हैं।
  • रेल यात्रा (ट्रेन यात्रा): कुरूक्षेत्र में एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है जिसका नाम “कुरुक्षेत्र जंक्शन” है। आप नई दिल्ली से कुरुक्षेत्र तक ट्रेन पकड़ सकते हैं। यहां से आपको टैक्सी या लोकल ट्रांसपोर्ट मिल जाएगा।
  • रोड यात्रा (सड़क यात्रा): कुरूक्षेत्र को सड़क से भी पूछा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (एनएच44) कुरूक्षेत्र से गुजरता है, जिसे आप अपने स्वार्थी वाहन से पाहुंच सकते हैं। यादी आप नई दिल्ली से आ रहे हैं, तो यात्रा का समय लगभाग 3-4 घंटे का हो सकता है, ये स्थिति ट्रैफिक पर निर्भर है।
  • बस यात्रा (बस यात्रा): हरियाणा रोडवेज या प्राइवेट बस से भी आप कुरूक्षेत्र पहुंच सकते हैं। यादी आप नई दिल्ली से आ रहे हैं, आईएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) से कुरुक्षेत्र के लिए बस मिलती है।
  • स्थानीय परिवहन: कुरुक्षेत्र में स्थानीय परिवहन भी उपलब्ध है जैसे कि ऑटो-रिक्शा, टैक्सियाँ, और स्थानीय बसें, जो आपको नगर के भीतर घूमने में मददगार हो सकते हैं।
  • गूगल मैप्स: आज कल स्मार्टफोन और गूगल मैप्स की मदद से आप आसानी से कुरुक्षेत्र तक पहुंच सकते हैं। आपको सिर्फ अपने स्थान का नाम डालना होगा और आपको सारी मुख्य मार्गोन और विकल्प की जानकारी मिल जाएगी।

यदि आपने किसी विशेष प्रकार की यात्रा की जानकारी प्राप्त की है, तो आप यात्रा स्थल की यात्रा संस्थानों से संपर्क करके और ऑनलाइन संसाधनों का भी उपयोग करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Kurukshetra map

FAQs

कुरूक्षेत्र किस लिए जाना जाता है?

कुरूक्षेत्र अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण उस युद्धभूमि के रूप में जाना जाता है जहां महाभारत का महाकाव्य युद्ध हुआ था। प्राचीन ग्रंथ में वर्णित घटनाओं के कारण यह हिंदुओं के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है।

मैं कुरूक्षेत्र कैसे पहुँच सकता हूँ?

कुरूक्षेत्र सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसका अपना रेलवे स्टेशन है, और कई ट्रेनें इसे भारत के प्रमुख शहरों से जोड़ती हैं। निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ में है, जो लगभग 50 किलोमीटर दूर है।

कुरूक्षेत्र में प्रमुख आकर्षण क्या हैं?

कुरूक्षेत्र के कुछ प्रमुख आकर्षणों में ब्रह्मा सरोवर, ज्योतिसर मंदिर, भीष्म कुंड, सन्निहित सरोवर और सीता माई मंदिर शामिल हैं। ये स्थान सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखते हैं।

ब्रह्मा सरोवर क्यों महत्वपूर्ण है?

ब्रह्म सरोवर प्राचीन ग्रंथों में वर्णित एक पवित्र जल कुंड है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान या विशिष्ट शुभ दिनों में इस सरोवर में डुबकी लगाने से पाप धुल जाते हैं और आशीर्वाद मिलता है।

ज्योतिसर मंदिर का क्या महत्व है?

ऐसा माना जाता है कि ज्योतिसर मंदिर वह स्थान है जहां भगवान कृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को भगवद गीता दी थी। यह आध्यात्मिक ज्ञान चाहने वाले भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।

सन्निहित सरोवर के बारे में बताइये?

सन्निहित सरोवर एक बड़ा जल कुंड है जिसे सात पवित्र सरस्वती का मिलन स्थल माना जाता है। इसे एक पवित्र स्थल माना जाता है और भक्त यहां डुबकी लगाने और अनुष्ठान करने आते हैं।

कुरूक्षेत्र जाने का अच्छा समय कब है?

कुरुक्षेत्र की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक सर्दियों के महीनों के दौरान है जब मौसम सुहावना होता है। इससे विभिन्न स्थलों और मंदिरों की आरामदायक खोज संभव हो पाती है।

क्या कुरूक्षेत्र केवल हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है?

जहां महाभारत से जुड़े होने के कारण कुरुक्षेत्र हिंदुओं के लिए सर्वोपरि महत्व रखता है, वहीं यह धार्मिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना इतिहास, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत में रुचि रखने वाले लोगों को भी आकर्षित करता है।

क्या कुरूक्षेत्र में कोई आवास उपलब्ध है?

हाँ, कुरूक्षेत्र विभिन्न बजटों के अनुरूप आवासों की एक श्रृंखला प्रदान करता है। यात्रियों के लिए होटल, गेस्टहाउस और लॉज उपलब्ध हैं।


क्या मैं एक दिन में कुरूक्षेत्र घूम सकता हूँ?

हाँ, एक दिन में कुरूक्षेत्र के प्रमुख आकर्षणों को कवर करना संभव है। हालाँकि, उस स्थान के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की पूरी तरह से सराहना करने के लिए, कुछ दिन बिताना अधिक समृद्ध हो सकता है।

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