Lucknow Me Ghumne ki jagah | लखनऊ में घूमने की जगह

लखनऊ: लखनऊ, जिसे अक्सर “नवाबों का शहर” कहा जाता है, भारत के उत्तरी भाग में एक आकर्षक शहर है, जो अपने समृद्ध इतिहास, संस्कृति और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए जाना जाता है। उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित यह शहर ऐतिहासिक और स्थापत्य चमत्कारों का खजाना है।

लखनऊ में सबसे प्रतिष्ठित स्थलों में से एक बड़ा इमामबाड़ा है, जो 18वीं शताब्दी में नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा निर्मित एक प्रभावशाली संरचना है। इसका केंद्रीय हॉल, जिसे भुलभुलैया के नाम से जाना जाता है, एक भूलभुलैया है जो आगंतुकों को इसके जटिल मार्गों से अपना रास्ता खोजने की चुनौती देती है। Lucknow Me Ghumne ki jagah :-

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Lucknow Me Ghumne ki jagah Bada Imambara| लखनऊ में घूमने की जगह बड़ा इमामबाड़ा

Lucknow Me Ghumne ki jagah

बड़ा इमामबाड़ा, लखनऊ का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो इस शहर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक है। यह भवन नवाबों के समय में बनाया गया था, जब आवासी नवाब आस्तीन में समय बिताते थे और इसे भोजन और इबादत के लिए उपयोग करते थे।

बड़ा इमामबाड़ा का मुख्य आकर्षण उसकी विशाल बारादरी है, जिसके चारों ओर 60 पीढ़ियाँ बनी हैं, और इसे “भूल भूलैया” भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर भटकना आसान हो सकता है।

बड़ा इमामबाड़ा की उन विशेषताओं में से एक है जो इसे अद्वितीय बनाती है। इसकी ऊँचाई और मजेदार वास्तुकला दर्शकों को प्रभावित कर देती हैं।

इसके साथ ही, बड़ा इमामबाड़ा के बगीचे में एक नैतिक पंख भी है, जो बड़ा इमामबाड़ा को एक सुंदर प्राकृतिक सुरम्य तट पर बनाता है। यहाँ पर गर्मियों में शांतिपूर्ण और हरित आसपास की प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है।

इसके अलावा, बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ के स्थानीय विशेष खाना की व्यवसायिक गलियों में से एक में स्थित है, जहाँ पर्यटक मुग़लई और अवधी व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।

समुद्री प्रशासन के अनुसार, भवन में विश्व धरोहर स्थल के रूप में योगदान करने के बावजूद, बड़ा इमामबाड़ा अपनी ऐतिहासिक महत्व और विशालता के लिए अज्ञात महात्वपूर्ण दर्जा के बावजूद सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक बना है।

Lucknow Me Ghumne ki jagah Room Door | लखनऊ में घूमने की जगह रुमी दरवाज़ा

Lucknow Me Ghumne ki jagah

रुमी दरवाज़ा, लखनऊ के ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह दरवाज़ा नवाबों के शासकीय द्वार के रूप में बनाया गया था और यह अब भी उनके विशाल और अद्वितीय आकार के लिए प्रसिद्ध है।

रुमी दरवाज़ा का नाम उसके अद्वितीय डिज़ाइन से आया है, जिसमें तुर्की शैली के आकृतियाँ और मिनारों की विविधता होती है। इसका निर्माण 1784 में हुआ था और इसे शाह नसीर-उद-दीन हायदर द्वारा बनवाया गया था।

रुमी दरवाज़ा का स्वागत करने वाला अद्वितीय गणशक्ति मूर्ति और मुख्य दरवाज़े के ऊपर रखे विचित्र गणगोल इसकी पहचान हैं। इसका निर्माण लाल पत्थर से किया गया है, जिससे इसकी बेहद रौशनी और ग्रेस्फुल आकृति प्राप्त होती है।

रुमी दरवाज़ा अपने सुंदरता और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व के साथ लखनऊ का गर्व है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और इसका दर्शन करके लोग शहर के सांस्कृतिक धरोहर का आनंद लेते हैं। रुमी दरवाज़ा लखनऊ के ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक है और यह भारतीय वास्तुकला के श्रेष्ठ उदाहरणों में से एक है।

Lucknow Me Ghumne ki jagah Bhool Bhulaiya | लखनऊ में घूमने की जगह भूल भूलैया

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भूल भूलैया, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के लखनऊ शहर में स्थित एक अत्यद्भुत और प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह इमामबाड़ा नामक संरचना के भीतर स्थित है और यह एक आदित्य संस्कृति का जीवंत साक्षात्कार प्रस्तुत करता है।

इसका नाम “भूल भूलैया” उस इंग्लिश शब्द “Labyrinth” से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है एक पेड़ के पत्तियों के मध्य बदलते रास्तों का जाल। यहाँ, इस इमामबाड़ा के भीतर एक लाभदायक मेज़ है, जिसमें कई छोटे-छोटे कमरे हैं, और एक व्यक्ति अगर बिना मार्ग या मार्ग प्रदर्शन के इसमें बिना गुम हो जाता है तो वह बहुत आसानी से भटक सकता है।

भूल भूलैया का निर्माण नवाब आसफ उद-दौला द्वारा 1784 में किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य था आदित्य यज्ञों के लिए एक अनुष्ठान स्थल प्रदान करना। इसकी आर्किटेक्चर भीतर से विशेष रूप से प्रचीन है और विश्वासा खिलौना बन गई है, जो लोगों को खुद को खो देने के लिए प्रोत्साहित करता है।

भूल भूलैया एक ऐतिहासिक और मानव विग्यान के दृष्टिकोण से भी रोचक स्थल है, जिसे पर्यटक और इतिहास प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय अनुभव मिलता है।

Lucknow Me Ghumne ki jagah Chaubey Ganga shore | लखनऊ में घूमने की जगह चौबे गंगा किनारा

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“चौबे गंगा किनारा” एक प्रमुख पारंपरिक भारतीय गीत है, जिसे हिंदी भाषा में गाया जाता है। यह गीत गंगा नदी की महत्वपूर्ण भूमिका को बयान करता है और इसे भारतीय संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

“चौबे गंगा किनारा” शब्द विकासपूर्ण हैं, जिनमें “चौबे” गंगा किनारे पर बसने वाले लोगों का परिचय कराते हैं, और “गंगा किनारा” गंगा नदी के किनारे का वर्णन करता है। गीत में गंगा नदी को माँ की तरह पूजा गया है और उसके किनारे बसने वाले लोगों के जीवन का महत्व बताया गया है।

इस गीत में गंगा के पावन जल का महत्व और उसका स्नान करने वालों के जीवन पर प्रभाव व्यक्त किया गया है। यह गीत भारतीय संस्कृति में गंगा की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकट करता है और लोगों को गंगा के पावनता के प्रति अवगत कराता है।

“चौबे गंगा किनारा” एक रूपक गीत है, जो गंगा के प्रति भारतीयों की भक्ति और समर्पण को प्रकट करता है और यह भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से का हिस्सा है।

Lucknow Me Ghumne ki jagah Lucknow Zoo| लखनऊ में घूमने की जगह लखनऊ ज़ू

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लखनऊ ज़ू (Lucknow Zoo) एक प्रमुख प्राणी उद्यान है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के लखनऊ शहर में स्थित है। यह पाश्चिमी लखनऊ में बना हुआ है और एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है।

लखनऊ ज़ू में विभिन्न प्रकार के प्राणियों का विवरण होता है, जैसे कि जंगली जानवर, पक्षियाँ, उपजाऊ जानवर, और अन्य प्रजातियाँ। यहाँ पर विभिन्न जातियों के शेर, हाथी, बाघ, बंदर, भालू, जिराफ, और अन्य जानवर देखे जा सकते हैं।

लखनऊ ज़ू में विशेष ध्यान देने वाले क्षेत्रों में से एक मुग़ल बाग़, मोटी महल, और फूलवारी शामिल हैं, जो पर्यटकों के लिए भी आकर्षण हैं।

इसके अलावा, लखनऊ ज़ू एक शिक्षा और जागरूकता केंद्र भी है, जहाँ पर्यटकों को वायुमंडलीय और प्राणी जीवन के बारे में शिक्षा दी जाती है।

लखनऊ ज़ू एक आनंदक्षेत्र है, जो प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद लेने और वन्यजीवों को देखने के लिए एक अच्छा स्थल है।

Lucknow Me Ghumne ki jagah Lucknow Zoo| लखनऊ में घूमने की जगह अवध रानी महल

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“अवध रानी महल” या “अवध रानी का महल” भारत के उत्तर प्रदेश राज्य, लखनऊ शहर में स्थित है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और इसका नाम उत्तर प्रदेश के अवध इलाके की प्रमुख रानी के नाम पर रखा गया है।

अवध रानी महल का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था और इसे नवाब नवाब असफ-उद-दौला ने अपनी महल के रूप में बनवाया था। यह महल लखनऊ के दरबार और सांस्कृतिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

इस महल का आर्किटेक्चर मुग़ल स्टाइल में है और इसकी शानदार नक्काशी, भवन की अद्वितीय चादर और अन्य सुंदर विशेषताएँ हैं। यह एक सुंदर मार्ग द्वारा सुदूर्धिक गणराज्य के राजमहल के साथ जुड़ता है जिसके आसपास एक विशाल पार्क है।

अवध रानी महल एक प्रमुख पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ, इसका महत्व भी इतिहास और संस्कृति में है। यहाँ पर्यटक इसकी शानदार विशेषताओं और ऐतिहासिक महत्व को देखने का आनंद लेते हैं।

लखनऊ में पर्यटन स्थल अंबेडकर मेमोरियल पार्क | Lucknow Me Paryatan Sthal Dr Ambedkar Memorial Park In Hindi

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लखनऊ में पर्यटन स्थल “डॉ. अंबेडकर मेमोरियल पार्क” (Dr. Ambedkar Memorial Park) है, जिसे हिंदी में “डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक पार्क” के रूप में भी जाना जाता है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो लखनऊ के केसरी बाड़ नामक स्थान पर स्थित है।

डॉ. अंबेडकर मेमोरियल पार्क एक महत्वपूर्ण स्मारक है जो भारतीय समाज के समाजिक सुधारक, विचारक और भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को समर्पित है। यहाँ पर उनकी प्रतिमा और मेमोरियल का निर्माण किया गया है, जिसमें उनके जीवन और कार्य का महत्वपूर्ण इतिहास दिखाया जाता है।

डॉ. अंबेडकर मेमोरियल पार्क एक आकर्षक पार्क है, जिसमें सुंदर वन्यजीवन, झील, फव्वारे, और विशेष रूप से रात को आलंब किए गए प्रकाश प्रदर्शन होता है। यहाँ पर आने वाले पर्यटक डॉ. अंबेडकर के यात्री एवं सामाजिक दारिद्र्य के खिलाफ उनके संघर्ष का दर्शन कर सकते हैं और समाजवाद और समाजिक न्याय के मूल सिद्धांतों को समझ सकते हैं। यह स्थल एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और यह लखनऊ के पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल है।

लखनऊ में देखने लायक जगह दिलकुशा कोठी | Lucknow Me Dekhne Layak Jagha Dilkusha Kothi In Hindi

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लखनऊ में देखने लायक एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जिसका नाम है “दिलकुशा कोठी” (Dilkusha Kothi)। यह कोठी लखनऊ के कांप हैवाड़ा क्षेत्र में स्थित है और इसे आमतौर पर भूतपूर्व नवाब वाजिद अली शाह की बगी के रूप में जाना जाता है।

दिलकुशा कोठी को 18वीं सदी में नवाब वाजिद अली शाह ने अपने आवास के रूप में बनवाया था। यह इसके शानदार विभिन्न मानविशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है, जैसे कि उसकी एकदमय स्थापत्य डिज़ाइन और अद्वितीय आर्किटेक्चर।

इस कोठी का नाम “दिलकुशा” उसके खूबसूरत बगी और महल के रूप में है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधों, पेड़ों, और फूलों का अद्वितीय संग्रहण होता है।

दिलकुशा कोठी अब एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उपयोग हो रहा है और लखनऊ के पर्यटकों के लिए एक दर्शनीय स्थल के रूप में लोकप्रिय है। आप यहां पहुंचकर इसके ऐतिहासिक महत्व को समझ सकते हैं और इसके सुंदर मानविशेषताओं का आनंद उठा सकते हैं।

लखनऊ में देखने लायक जगह फिरंगी महल | Lucknow Me Dekhne Layak Jagha Firangi Mahal In Hindi

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लखनऊ में एक प्रमुख पर्यटन स्थल है “फिरंगी महल” (Firangi Mahal)। यह एक प्राचीन और महत्वपूर्ण स्थल है जो लखनऊ के चौक आबूअली इलाही क्षेत्र में स्थित है।

फिरंगी महल का नाम इसे बनाने वाले अवाधी नवाबों की बाहरी प्राधिकृत्य और अंग्रेजों के साथ अच्छूत के संबंधों के संकेत के रूप में दिया गया है, लेकिन इसका वास्तविक इतिहास उसके साहित्यिक और धार्मिक महत्व के साथ जुड़ा हुआ है।

फिरंगी महल एक मशहूर इस्लामी शिक्षा संस्थान था और यहां अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) की शुरुआत हुई थी। इसके अलावा, फिरंगी महल एक प्रमुख धार्मिक स्थल भी है, जिसमें एक मस्जिद और इस्लामी अध्ययन केंद्र हैं।

फिरंगी महल के पास एक लाइब्रेरी भी है, जो इस्लामी शास्त्रों की विशाल संग्रहण को संरक्षित रखती है। इसके अलावा, इस स्थल पर आप भारतीय इस्लामी सांस्कृतिक धरोहर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

फिरंगी महल लखनऊ के पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण और शिक्षात्मक स्थल है, जिसे आप इसके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए देख सकते हैं।

भारत का सबसे लंबा क्लॉक टावर हुसैनाबाद क्लॉक टॉवर – India Ka Sabse Lamba Clock Tower Husainabad Clock Tower In Hindi

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भारत का सबसे लंबा क्लॉक टावर “हुसैनाबाद क्लॉक टॉवर” (Husainabad Clock Tower) है, जो लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है।

हुसैनाबाद क्लॉक टावर को भी “घड़ी घर” (Ghanta Ghar) के नाम से जाना जाता है और यह लखनऊ के एक प्रमुख पर्यटन स्थल का हिस्सा है। यह टावर ब्रिटिश साम्राज्य के समय में बनाया गया था और इसका उद्घाटन 1881 में हुआ था।

हुसैनाबाद क्लॉक टावर की ऊंचाई करीब 67 मीटर (220 फुट) है और यह इसकी आदर्श वास्तुकला का उदाहरण है। इसकी चारों ओर सुंदर आर्क और सांकेतिक शिखर हैं। इस टावर के शीर्ष पर एक विशाल घड़ी है जो शहर के लोगों के लिए समय की जानकारी प्रदान करती है।

हुसैनाबाद क्लॉक टावर लखनऊ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा है और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय है। इसके आस-पास कई अन्य पर्यटन स्थल भी हैं, जो इसके एक दौर को पूरा करने के लिए आकर्षक हैं।

नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन – Nawab Wajid Ali Shah Zoological Garden In Hindi

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नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन, जिसे हिंदी में “नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान” भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है जो लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह प्राणि उद्यान एक प्रमुख वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र के रूप में जाना जाता है और इसमें विभिन्न प्रकार के प्राणियों की अनगिनत प्रजातियों को देखा जा सकता है।

नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन को लखनऊ के प्रमुख नवाब वाजिद अली शाह ने 1921 में बनवाया था। इस पार्क में विभिन्न प्रकार के जीवों के लिए बगी, बड़े पिंगलों, झीलें, और वन्यजीवों के लिए विशेष क्षेत्र शामिल हैं।

यह पार्क प्रमुखत: शेर, बाघ, हाथी, जिराफ, गिरगिट, मगरमच्छ, हरिण, बंदर, और विभिन्न प्रकार के पक्षियों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले पर्यटक वन्यजीवों के साथ घंटों बिता सकते हैं और नेचर वॉक कर सकते हैं।

नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन एक आत्मा शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का स्थल है और यह लखनऊ के पर्यटकों के लिए आत्मा समृद्धि का सुंदर स्थल है।

लखनऊ कैसे पहुँचें :-

  1. एयर (वायुमार्ग): लखनऊ का चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Chaudhary Charan Singh International Airport) एक प्रमुख वायुमार्ग है, जो शहर से अन्य भारतीय शहरों और अंतरराष्ट्रीय गोष्ठियों से संबंधित है। आपको इस एयरपोर्ट पर उड़ान भरकर या फिर किसी अन्य शहर से आकर जा सकते हैं।
  2. रेल (रेलमार्ग): लखनऊ के पास कई रेलवे स्टेशन हैं, जिनमें लखनऊ जंक्शन (Lucknow Junction), लखनऊ चरबग़् (Lucknow Charbagh), और लखनऊ नॉर्थ (Lucknow North) शामिल हैं। यहां से आप ट्रेन से लखनऊ पहुंच सकते हैं, जो शहर के अंदर और बाहर के स्थानों के साथ जुड़े हुए हैं।
  3. सड़क (बसमार्ग): लखनऊ को आप अपने गाड़ी या बस के साथ भी पहुंच सकते हैं, क्योंकि यह राष्ट्रीय और राज्य-स्तर की बस सेवाओं से जुड़ा हुआ है। लखनऊ आने के लिए आप योजना बनाने के लिए आपके स्थान से सड़क मार्गों का उपयोग कर सकते हैं।
  4. बस या टैक्सी: लखनऊ में शहर के अंदर यातायात के लिए बसें और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं। आप इनका उपयोग करके अपने गंतव्य स्थल पर पहुंच सकते हैं।

लखनऊ पहुंचने से पहले, आपको अपने यात्रा की योजना तैयार करनी चाहिए, और ट्रांसपोर्ट और आवास की पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए ताकि आपकी यात्रा आसान और सुरक्षित हो।

Lucknow Map

लखनऊ किस लिए जाना जाता है?

लखनऊ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक स्मारकों, स्वादिष्ट व्यंजनों और 1857 में भारतीय स्वतंत्रता के पहले युद्ध में अपनी भूमिका के लिए जाना जाता है। अवध के नवाबों के साथ इसके ऐतिहासिक जुड़ाव के कारण इसे अक्सर “नवाबों का शहर” कहा जाता है।

लखनऊ में शीर्ष पर्यटक आकर्षण क्या हैं?

लखनऊ के कुछ शीर्ष पर्यटक आकर्षणों में बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, रूमी दरवाजा, लखनऊ चिड़ियाघर, हजरतगंज बाजार और डॉ. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल पार्क शामिल हैं।

लखनऊ का प्रसिद्ध व्यंजन क्या है?

लखनऊ अपने अवधी व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें कबाब (विशेषकर टुंडे कबाबी), बिरयानी, कीमा मटर और विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ जैसे कुल्फी, जलेबी और मक्खन मलाई जैसे व्यंजन शामिल हैं।

लखनऊ जाने का सबसे अच्छा समय कब है?

लखनऊ की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक सर्दियों के महीनों के दौरान है, जब मौसम सुखद होता है और बाहरी गतिविधियों और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए अनुकूल होता है।

लखनऊ में बड़ा इमामबाड़ा का क्या महत्व है?

बड़ा इमामबाड़ा 18वीं शताब्दी में नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा निर्मित एक वास्तुशिल्प चमत्कार है। यह अपने केंद्रीय हॉल के लिए प्रसिद्ध है, जो स्तंभों के उपयोग के बिना दुनिया के सबसे बड़े धनुषाकार निर्माणों में से एक है। इसमें भूल भुलैया भी है, जो मार्गों के जटिल नेटवर्क वाली एक भूलभुलैया है।

लखनऊ के रूमी दरवाज़े का क्या महत्व है?

रूमी दरवाज़ा एक शानदार प्रवेश द्वार है और लखनऊ की स्थापत्य भव्यता का प्रतीक है। इसका निर्माण नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा किया गया था और इसकी वास्तुकला प्राचीन तुर्की इमारतों से मिलती-जुलती होने के कारण इसे अक्सर तुर्की गेट के रूप में जाना जाता है।

लखनऊ कैसे पहुँच सकता हूँ?

लखनऊ हवाई, रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रमुख हवाई अड्डे के रूप में कार्य करता है, और शहर में कई रेलवे स्टेशन हैं। यह राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से भी पहुंचा जा सकता है।

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