5+Maihar me Ghumne ki Jagah | Tourist Places in Maihar

मैहर, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है और अपनी प्राचीनता, धार्मिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है।

मैहर देवी मंदिर, जो की पहाड़ी पर स्थित है, यहाँ का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर श्री शारदा देवी को समर्पित है और यहाँ के चारों दिशाओं से खूबसूरत दृश्यमान होता है। प्रतिवर्ष बसंत पंचमी के अवसर पर यहाँ मेला आयोजित होता है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त और पर्यटक शामिल होते हैं। Maihar me Ghumne ki Jagah

1.मैहर देवी मंदिर Maihar me Ghumne ki Jagah

Maihar me Ghumne ki Jagah

मैहर देवी मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित होने वाला एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर श्री शारदा देवी, जिन्हें माता सरस्वती के रूप में पूजा जाता है, को समर्पित है। मंदिर की स्थापना पहाड़ी पर की गई है, जिससे यहाँ से चारों दिशाओं में बेहद आकर्षक प्राकृतिक दृश्यमान रहता है।

मैहर देवी मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और इसकी ऐतिहासिक महत्वपूर्णता है। मंदिर के प्रमुख गोपुरम् विशेष रूप से उल्लिखनीय हैं, जिनमें विभिन्न धार्मिक और कला संकेत हैं।

यह मंदिर धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर की भी एक मिसाल है। मंदिर के चारों ओर एक शांतिपूर्ण और आत्मा को शुद्धि प्रदान करने वाला वातावरण है। यहाँ के पर्यावरण और स्थलीय वासियों की सांस्कृतिक परंपराओं को महत्वपूर्ण रूप से दर्शाता है।

यहाँ पर सभी यात्री और श्रद्धालु आकर्षित होते हैं, जो मां शारदा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं। मंदिर के पास कुछ छोटे मंदिर और संग्रहालय भी हैं, जो इस स्थल की अनूठी विशेषताओं को प्रकट करते हैं।

समुद्र से ऊँचाई पर स्थित मैहर देवी मंदिर का दर्शन करने से मन, शरीर, और आत्मा की शांति प्राप्त होती है। यहाँ की शांति, श्रद्धा, और ध्यान की वातावरण से यात्री आत्मा की ऊँचाइयों तक पहुँचते हैं।

2.उच्चकोण मंदिर

Maihar me Ghumne ki Jagah

“उच्चकोण मंदिर” मैहर, मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह मंदिर श्री शिव को समर्पित है और पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है, जिससे यहाँ से शानदार प्राकृतिक दृश्यमान प्राप्त होता है।

मंदिर का नाम “उच्चकोण” उसके उच्च स्थान के कारण है जो पहाड़ी के शिखर पर स्थित है। यह स्थल ध्यान के लिए एक आदर्श जगह है, क्योंकि यह शांति और स्वांस्थ्य की अत्यधिकता का अनुभव कराता है।

मंदिर की संरचना आदर्शता के साथ की गई है और यहाँ की आर्किटेक्चरल डिजाइन काफी विशेष है। पहाड़ी की ऊँचाइयों से मंदिर का दृश्य अत्यंत आकर्षक होता है, खासकर सूर्यास्त के समय।

यहाँ पहुँचने के लिए यात्रीगण को पहाड़ी की मोतर मार्ग से चढ़ना पड़ता है जिसमें पूरी दिनभर के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह यात्रा आत्मा को शुद्धि और प्रेरणा प्रदान करती है और साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है।

यहाँ पहुँचकर, यात्री अपने विचारों को शांति और ध्यान में ले सकते हैं और श्री शिव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। मंदिर के पास से शहर का खूबसूरत दृश्यमान अप्रतिम होता है जो यात्री की आँखों को आकर्षित करता है।

उच्चकोण मंदिर एक स्थल है जहाँ धार्मिकता, प्राकृतिक सौंदर्य और आत्मा की शांति का एक साथ मिलन होता है। यहाँ की यात्रा एक अनुपम अनुभव है जो यात्री की आत्मा को प्रेरित करता है और उसे एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है।

3.आघोरी खोह

Maihar me Ghumne ki Jagah

आघोरी खोह, मध्य प्रदेश के मैहर शहर में स्थित एक अद्वितीय प्राचीन स्थल है जिसे भगवान शिव के आघोरी रूप के साथ जोड़ा जाता है। यह अंधेरी गुफाओं में स्थित है, जिसका मतलब है कि यह समय से बाहर होने वाले स्थानों में शामिल है जिनमें रात्रि के समय कोई भी प्रकार का प्रकाश नहीं पहुंच पाता है।

आघोरी खोह की अवशिष्ट खोह की दीवारों पर भगवान शिव के विभिन्न रूपों की चित्रित जलजलाकर मिलती हैं, जिससे यह स्थल अपने रहस्यमय और आध्यात्मिक माहौल के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के पवित्र जल स्रोत कहते हैं कि जो शिव लिंग पर विराजमान होते हैं, वे पूरे वर्ष पानी से धूलित नहीं होते हैं। यह मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति इस जल स्रोत से पानी पीता है, तो उसके शरीर के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।

आघोरी खोह की आवाजाही कहती है कि यह स्थल प्राचीन समय में ऋषियों और आध्यात्मिक योगियों का ध्यान केंद्र था, जहाँ वे अपने साधना और तपस्या में लगे रहते थे। इस स्थल का महत्व इसी आध्यात्मिक परंपरा से जुड़ा हुआ है, जिससे यह आध्यात्मिक खोज करने वालों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बनता है।

4.हूड्की माता मंदिर

हूड्की माता मंदिर, मैहर के पास स्थित एक प्राचीन और पवित्र स्थल है जिसे “बालमा मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व और प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ के पर्यटकों को एक शांतिपूर्ण ध्यान केंद्र प्रदान करता है।

मंदिर का नाम “हूड्की माता” उस स्थानीय लोककथा से आया है जिसमें कहा जाता है कि माता जी ने एक बालक के रूप में दिखकर महाराजा को दर्शाया और उन्होंने उनकी आगुड़ी पर उसकी अपनी धोती (हूड़) रख दी। इसी कारण इस मंदिर को “हूड्की माता मंदिर” कहा जाता है।

यह मंदिर पांचगाव पास के एक छोटे से गाँव में स्थित है और वहाँ पर्याप्त सांत्वना और शांति मिलती है। मंदिर की स्थापना पुराने शिलालेखों के आधार पर करीब 200 साल पहले हुई थी और इसका शिलान्यास महाराज दुद़ु लाल के द्वारा किया गया था।

मंदिर का संरचनात्मक डिज़ाइन स्थल के पर्याप्तता और प्राकृतिक खूबसूरती को मिलाता है। सफेद संगमरमर से बने विगट आकार के मंदिर के प्रवेश द्वार पर अलंकरण और शिल्प काम की देखभाल की गई है।

हूड्की माता मंदिर यात्रियों के बीच मान्यता प्राप्त आस्थाएँ है और धार्मिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य की बदौलत भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है।

5.बड़ी माता मंदिर

Maihar me Ghumne ki Jagah

“बड़ी माता मंदिर” जो मैहर, मध्य प्रदेश में स्थित है, भारत की महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है और लाखों श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसका सांस्कृतिक महत्व और आकर्षण उसकी प्राचीनता और सुंदर आर्किटेक्चर से आता है।

बड़ी माता मंदिर का इतिहास संस्कृति और भक्ति से भरपूर है। यह मंदिर अपने प्राचीन शैली, आकर्षक सिंहद्वार और शिखर के साथ आकर्षित करने वाले दृश्यमान स्थलों में से एक है।

मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही आपको मां दुर्गा के पावन आशीर्वाद का अहसास होता है। यहाँ की अंतरिक्ष में दुर्गा मां के पूजा स्थल की सुंदर मूर्तियाँ स्थापित हैं, जिन्हें देखकर भक्तों का मन प्रसन्न हो जाता है।

मंदिर के प्रांगण में स्थित सुंदर जलधारा और वृक्षों की चाया आपको शांति और आध्यात्मिकता का आनंद देते हैं। यहाँ के वातावरण में एक अद्वितीय शांति का आभास होता है, जो आत्मा को शक्ति देता है।

मां दुर्गा की उपासना में श्रद्धालु यहाँ आकर अपनी भक्ति की अद्वितीय अनुभूति करते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो, बड़ी माता मंदिर एक स्थल है जो मां दुर्गा के प्रति श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है।

6.शारदा देवी धाम

Maihar me Ghumne ki Jagah

शारदा देवी धाम, जिन्हें मैहर शारदा पीठ भी कहा जाता है, एक प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थल है जो मध्य प्रदेश राज्य, भारत में स्थित है। यह आदि शङ्कराचार्य द्वारा स्थापित चार धामों में से एक है और यहाँ पर मां शारदा, जो ज्ञान की देवी कहलाती है, की पूजा की जाती है। यहाँ का महत्वपूर्ण मंदिर शारदा मंदिर है, जिसमें भगवानी शारदा की मूर्ति स्थापित है।

धार्मिक महत्व: शारदा देवी धाम को ज्ञान की देवी के रूप में पूजा जाता है, और यहाँ के मंदिर में शारदा माता की मूर्ति के साथ-साथ श्रीविद्या यंत्र भी प्रतिष्ठित है। यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए माता की कृपा प्राप्त करते हैं और उन्हें शिक्षा का आदान-प्रदान होता है।

स्थल की विशेषताएँ: शारदा देवी धाम का पर्याप्त वातावरण और आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता आकर्षण का केंद्र बनाती है। यहाँ की पहाड़ियों से खासकर आप शाही चाबीला और उच्चकोण मंदिर के दृश्यमान को आसानी से देख सकते हैं।

यात्रा और महोत्सव: शारदा देवी धाम की यात्रा विशेषकर नवरात्रि के अवसर पर आम तौर पर लाखों श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है। नवरात्रि महोत्सव के दौरान, यहाँ पर भक्तों की भीड़ बड़ी होती है और मंदिर के प्रांगण में धार्मिक आयोजन और कार्यक्रम होते हैं।

7.आल्हा ऊदल अखाड़ा

Maihar me Ghumne ki Jagah

“आल्हा ऊदल अखाड़ा” एक प्रसिद्ध अखाड़ा है जो भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। यह अखाड़ा सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र है और भारतीय संत समुदाय के लोग यहाँ आकर आध्यात्मिक अभियान में भाग लेते हैं।

आल्हा ऊदल अखाड़ा का इतिहास:

आल्हा ऊदल अखाड़ा की स्थापना प्रमुख धार्मिक आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा की गई थी। इस अखाड़ा का उद्देश्य मानवता के लिए सेवा करना और धर्मिक शिक्षा प्रदान करना है।

आल्हा ऊदल अखाड़ा की धार्मिक गतिविधियाँ:

  1. धार्मिक सभाएँ: अखाड़ा में धार्मिक सभाएँ आयोजित की जाती हैं, जिनमें वेद, उपनिषदों और भगवद गीता के उपदेश दिए जाते हैं।
  2. आध्यात्मिक संगोष्ठियाँ: आल्हा ऊदल अखाड़ा में आध्यात्मिक संगोष्ठियाँ आयोजित की जाती हैं, जिनमें विशेषज्ञ आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा बौद्धिक विचारों की चर्चा की जाती है।
  3. सामाजिक सेवाएँ: अखाड़ा समाज के उत्थान और सेवा में भी संलग्न है। यहाँ आकर विभिन्न समाज सेवा कार्यों में भाग लिया जाता है, जैसे कि विद्या प्रदान, असहाय लोगों की मदद, और आर्थिक रूप से कमजोरों की सहायता।
  4. धार्मिक शिक्षा: यहाँ पर धार्मिक शिक्षा का भी महत्वपूर्ण द्योतक है। अखाड़ा के गुरुओं द्वारा भगवद गीता, उपनिषदों, और पुराणों के उपदेश दिए जाते हैं।

मैहर पहुँचने के कुछ मुख्य तरीके हैं:

  1. रेलवे: मैहर के पास मैहर रेलवे स्टेशन है, जो कि भारतीय रेलवे के नेटवर्क में शामिल है। आप ट्रेन से मैहर पहुँच सकते हैं और फिर स्थानीय वाहन का उपयोग करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
  2. वाहन: आप मार्गदर्शन के साथ अपने वाहन से मैहर पहुँच सकते हैं। राष्ट्रीय और प्रादेशिक मार्गों का उपयोग करके आप यहाँ पहुँच सकते हैं।
  3. बस: मैहर के पास एक बस स्टैंड है जहाँ से आप मध्य प्रदेश राज्य के विभिन्न स्थानों से बस सेवाएँ प्राप्त कर सकते हैं।
  4. उड़ान: नजदीकी लोकेशन के आधार पर नजदीकी हवाई बंदरगाह से उड़ान का उपयोग करके भी मैहर पहुँच सकते हैं।

Maihar Map

FAQs

मैहर में घूमने के लिए सबसे प्रसिद्ध स्थल कौनसे हैं?

मैहर में सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
मैहर घराणा: यह स्थल ख्वाजा आलाउद्दीन खिलजी के ध्यानानुसार बनाया गया था और यह आर्किटेक्चर और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
मैहर घूस महल: यह एक आदिवासी स्थल है जिसमें उपनिवेश कला और शैली में बनाया गया है।
आलापी घराणा: यह एक प्राचीन घराणा है जिसमें चित्रकला और उपनिवेश कला का प्रदर्शन होता है

मैहर में ऐतिहासिक स्थल कौन-कौन से हैं जिन्हें घूमा जा सकता है?

मैहर में कई ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे कि मैहर घराणा, मैहर घूस महल, आलापी घराणा आदि। ये स्थल आपको शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर की जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

मैहर में प्राकृतिक सौंदर्य की कोनसी जगहें हैं?

मैहर के पास आपको प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए विभिन्न जगहें मिलेंगी, जैसे कि वानविहार राष्ट्रीय उद्यान और आस-पास की पहाड़ियाँ।

मैहर के आस-पास दिनभर की यात्रा के लिए उपयुक्त स्थल कौनसे हैं?

वानविहार राष्ट्रीय उद्यान, आलापी घराणा, और मैहर घूस महल जैसे स्थल आपके दिनभर की यात्रा के लिए उपयुक्त हो सकते हैं।

मैहर में खरीदारी के लिए अच्छे बाजार कौनसे हैं?

मैहर में स्थ

संबंधित पोस्ट देखें:-

Leave a Comment