9+Vrindavan me Ghumne Ki Jagah | वृन्दावन में घुमने की जगह

वृन्दावन भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक पवित्र शहर है। यह अत्यधिक धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है, मुख्य रूप से हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक, भगवान कृष्ण के जीवन और किंवदंतियों से जुड़ा स्थान है।

1.बनके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) Vrindavan me Ghumne Ki Jagah

Vrindavan me Ghumne Ki Jagah

बनके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) वृंदावन, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और यह हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के श्रीमूर्ति की आराधना के लिए प्रसिद्ध है और वृंदावन के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यहां कुछ महत्वपूर्ण जानकारी बनके बिहारी मंदिर के बारे में है:

  1. स्थापना: बनके बिहारी मंदिर का निर्माण 1864 में हुआ था, और यह वृंदावन के निरंतर भक्तों की भीड़ को आकर्षित करता है।
  2. श्रीमूर्ति: मंदिर के प्रमुख आकर्षण भगवान कृष्ण की श्रीमूर्ति है, जो अपनी विशेष भावनाओं और वस्त्रों में निरंतर बदलते रहते हैं। यह मंदिर आपको श्रीमूर्ति के दर्शन के लिए केवल कुछ सेकंड्स के लिए ही मिलते हैं, जिसे “Jhulan Utsav” के अवसर पर बढ़ावा दिया जाता है।
  3. आराधना और सेवा: मंदिर में भक्त भगवान कृष्ण की आराधना करने आते हैं और उनके सेवक उनकी पूजा करते हैं। भक्तों को प्रतिदिन श्रीमूर्ति के सामने दर्शन करने का अवसर मिलता है।
  4. मंदिर का आकर्षण: बनके बिहारी मंदिर का संरचनात्मक डिज़ाइन आकर्षक है, और यह विशेष तरीके से जन्माष्टमी जैसे महत्वपूर्ण पर्वों पर अधिक आवागमन के लिए तैयार किया जाता है।
  5. समय और अवधि: मंदिर का समय और अवधि विभिन्न हो सकती है, इसलिए आपको जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय प्राधिकृतों या वेबसाइट से संपर्क करना चाहिए।
  6. भक्तों की भीड़: इस मंदिर में धार्मिक उत्सवों और जन्मोत्सवों के समय खास रूप से भक्तों की भीड़ बड़ी होती है, जो मंदिर के पास जमा होती है।
  7. संरक्षण: मंदिर में बच्चों को अपने माता-पिता के साथ आने की सलाह दी जाती है, क्योंकि भक्तों की भीड़ और धार्मिक उत्सवों के दौरान भीड़ बढ़ सकती है।

बनके बिहारी मंदिर वृंदावन के धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और आस्था का स्थल है।

2.राधा दामोदर मंदिर

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राधा दामोदर मंदिर वृंदावन, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान कृष्ण और उनकी प्रिय गोपिका राधा की आराधना के लिए प्रसिद्ध है और वृंदावन के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। इसका नाम “राधा दामोदर” उन दोनों के नामों से मिलकर बना है।

कुछ महत्वपूर्ण जानकारी राधा दामोदर मंदिर के बारे में है:

  1. स्थापना: यह मंदिर भगवान कृष्ण की प्रिय गोपिका राधा और उनके साथी दामोदर की आराधना के लिए बनाया गया है। इसका निर्माण श्रीला जीव गोस्वामी द्वारा किया गया था, जो सन् 1542 में वृंदावन आए थे।
  2. मूर्तियां: मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति के साथ ही राधा और दामोदर की मूर्तियां भी हैं। यहां पर भगवान कृष्ण की मूर्ति को खासी सुंदर धूप, फूल, और वस्त्र से सजाया जाता है.
  3. आराधना और सेवा: मंदिर में भक्त भगवान कृष्ण, राधा, और दामोदर की आराधना करने आते हैं और पूजा की विशेष अवसरों पर विशेष धूप, आरती, और भगवद गीता के पाठ करते हैं।
  4. विशेषता: मंदिर की एक विशेषता यह है कि यहां आप भगवान कृष्ण की मूर्ति के सामने सबसे नजदीक जा सकते हैं और खुद से पूजा करने का अवसर मिलता है।
  5. समय और अवधि: मंदिर का समय और अवधि विभिन्न हो सकती है, इसलिए आपको जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय प्राधिकृतों या मंदिर की वेबसाइट से संपर्क करना चाहिए।

राधा दामोदर मंदिर वृंदावन के धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल में एक अद्वितीय स्थल है और भक्तों के लिए यह भगवान कृष्ण और उनकी प्रिय गोपिका राधा के प्रति आस्था और भक्ति का स्थल है।

3.रंगजी मंदिर

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रंगजी मंदिर, जिसे अक्षर में “रंगजी” या “रंगजी का मंदिर” के रूप में लिखा जाता है, यह भगवान कृष्ण के एक प्रमुख मंदिरों में से एक है जो वृंदावन, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह भी वृंदावन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।

रंगजी मंदिर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:

  1. स्थापना: यह मंदिर भगवान कृष्ण के एक प्रमुख स्वरूप, जिसे रंगजी कहा जाता है, की आराधना के लिए बनाया गया है। रंगजी को विशेष रूप से रंगा जाता है, और यही कारण है कि इसका नाम “रंगजी” है।
  2. मूर्तियां: मंदिर में भगवान रंगजी की बड़ी सुंदर मूर्ति होती है, जो आकर्षक रूप से रंगी जाती है।
  3. आराधना और सेवा: मंदिर में भक्त भगवान रंगजी की आराधना करते हैं और पूजा की विशेष अवसरों पर धूप, आरती, और भगवद गीता के पाठ करते हैं।
  4. समय और अवधि: मंदिर का समय और अवधि विभिन्न हो सकती है, इसलिए आपको जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय प्राधिकृतों या मंदिर की वेबसाइट से संपर्क करना चाहिए।

रंगजी मंदिर वृंदावन के धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल में एक महत्वपूर्ण स्थल है और भक्तों के लिए यहां भगवान कृष्ण के विशेष स्वरूप का ध्यान और आराधना किया जाता है।

4.राधाबल्लभ मंदिर वृंदावन

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राधाबल्लभ मंदिर वृंदावन, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और यह हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के प्रिय गोपी राधा रानी के साथ भगवान कृष्ण की मूर्ति की आराधना के लिए प्रसिद्ध है। इसका नाम “राधाबल्लभ” है, जो भगवान कृष्ण की प्रिय गोपी राधा के साथ उनका प्रियतम रूप है।

राधाबल्लभ मंदिर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:

  1. स्थापना: यह मंदिर वृंदावन के प्रमुख मंदिरों में से एक है और इसका निर्माण 1624 में हुआ था। मंदिर का संरचनात्मक डिज़ाइन बड़ी सुंदर है और इसके प्राचीन शिल्पकला का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है।
  2. मूर्तियां: मंदिर में भगवान कृष्ण की और राधा रानी की मूर्तियां होती हैं, जो उनके अद्वितीय प्रेम को प्रतिष्ठित करती हैं।
  3. आराधना और सेवा: मंदिर में भक्त भगवान कृष्ण, राधा रानी, और उनकी साथी गोपियों की आराधना करते हैं और पूजा की विशेष अवसरों पर धूप, आरती, और भगवद गीता के पाठ करते हैं।
  4. समय और अवधि: मंदिर का समय और अवधि विभिन्न हो सकती है, इसलिए आपको जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय प्राधिकृतों या मंदिर की वेबसाइट से संपर्क करना चाहिए।

राधाबल्लभ मंदिर वृंदावन के धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल में एक महत्वपूर्ण स्थल है और भगवान कृष्ण और उनकी प्रिय गोपी राधा के प्रति भक्तों की आस्था और प्रेम का स्थल है। यहां भक्तों को भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रेम के महत्वपूर्ण संदेश और उनके आदर्शों का संदेश मिलता है।

5.कुसुम सरोवर

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कुसुम सरोवर एक प्रमुख प्राकृतिक स्थल है जो मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। यह स्थल हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है और भगवान कृष्ण के जीवन के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में माना जाता है।

कुसुम सरोवर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:

  1. स्थान: कुसुम सरोवर मथुरा के शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह गोवर्धन पर्वत के पास है और गोवर्धन पर्वत की तरफ एक महत्वपूर्ण पर्वत है।
  2. महत्व: कुसुम सरोवर का महत्व है क्योंकि इसे भगवान कृष्ण के बचपन का स्थल माना जाता है। भगवान कृष्ण और उसके गोपिकाएं यहाँ अपने खेलों के दौरान विशेष रूप से समय बिताते थे।
  3. पुनर्निर्माण: कुसुम सरोवर का इतिहास प्राचीन है, और इसे कई बार पुनर्निर्माण किया गया है। वर्तमान सरोवर का निर्माण 19वीं सदी में हुआ था।
  4. परिधान की पूजा: कुसुम सरोवर में जब भगवान कृष्ण और गोपिकाएं खेलते थे, तो गोपिकाएं अपने परिधान को सुखाने के लिए उन्हें यहाँ ले जाती थीं। आज भी, इस सरोवर के आस-पास परिधान की पूजा की जाती है, और यह गोपीकाओं के प्रेम की याद में होता है।
  5. समय और अवधि: कुसुम सरोवर विश्वास के हिस्से के रूप में माना जाता है और यह साल भर भक्तों के आगमन के लिए खुला रहता है।

कुसुम सरोवर भगवान कृष्ण के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यहाँ पर आने वाले लोग सुख, शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।

6.मानसरोवर वृंदावन

मानसरोवर वृंदावन, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और यह एक प्रमुख पिलगांव (प्रयागराज) के निकट तीर्थ स्थल है। यह सरोवर हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है और कृष्ण भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।

मानसरोवर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:

  1. स्थान: मानसरोवर वृंदावन के निकट पिलगांव (प्रयागराज) शहर के पास स्थित है।
  2. महत्व: मानसरोवर को बड़े मानसा नामक बर्फ के गुफाओं से पोषित किया गया है और इसका नाम “मानस” यानी “मन” से आया है क्योंकि यहां कई तापसी और भक्त अपने मनोबल को स्थिर करने के लिए आते हैं।
  3. तीर्थ स्नान: मानसरोवर में स्नान करने का मान्यता धार्मिक मान्यता है, और यह मनोबल को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
  4. समय और अवधि: मानसरोवर स्थानीय धार्मिक कार्यक्रमों और महोत्सवों के दौरान विशेष तौर पर धार्मिक अद्वितीयता में लिया जाता है। यहां के समय और अवधि का सटीक समय जानने के लिए स्थानीय प्राधिकृतों से संपर्क करें।

मानसरोवर एक धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है और यहां पर आने वाले लोग अपने मानसिक और आध्यात्मिक जीवन को सुखद और शांतिपूर्ण बनाने के लिए आते हैं। इसे भगवान कृष्ण और उनके भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल के रूप में माना जाता है।

7.गोविंद देव मंदिर वृंदावन

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गोविंद देव मंदिर वृंदावन, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और यह भगवान कृष्ण के एक प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर वृंदावन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।

गोविंद देव मंदिर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:

  1. स्थापना: यह मंदिर 1590 में राजा मान सिंह जी के द्वारा बनाया गया था। गोविंद देव मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति की आराधना की जाती है, और यहां पर उनके भक्तों द्वारा दैनिक पूजा-अर्चना की जाती है।
  2. मूर्तियां: मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति को बड़ी सुंदर ढंग से सजाया जाता है, और यहां पर भगवद गीता के श्लोक भी पठित किए जाते हैं।
  3. आराधना और सेवा: मंदिर में भक्त भगवान कृष्ण की आराधना करते हैं और पूजा की विशेष अवसरों पर धूप, आरती, और भगवद गीता के पाठ करते हैं।
  4. रात्रि आरती: गोविंद देव मंदिर में रात्रि आरती का आयोजन खास धार्मिक और स्पिरिचुअल अनुभव के लिए किया जाता है, और भगवान कृष्ण के लिए अपनी भक्ति का अभिव्यक्ति का समय प्रदान करता है।
  5. समय और अवधि: मंदिर का समय और अवधि विभिन्न हो सकती है, इसलिए आपको जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय प्राधिकृतों या मंदिर की वेबसाइट से संपर्क करना चाहिए।

गोविंद देव मंदिर वृंदावन के धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल में एक महत्वपूर्ण स्थल है और भक्तों के लिए यहां भगवान कृष्ण की आराधना करने का एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थान है।

8.मदन मोहन मंदिर

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मदन मोहन मंदिर वृंदावन, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वृंदावन नगर में स्थित है। यह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और वृंदावन के प्रमुख मंदिरों में से एक है।

मदन मोहन मंदिर का नाम भगवान श्रीकृष्ण के एक अपने भक्त नामक मदन मोहन के नाम पर रखा गया है। यह मंदिर पुष्करिणी नदी के किनारे स्थित है और इसका स्थापना श्री वल्लभाचार्य ने की थी।

मदन मोहन मंदिर का वास्तुकला भव्य है और इसका मुख्य विग्रह मदन मोहन श्रीकृष्ण का है, जिसे भक्त ध्यान करते हैं और उनके दर्शन के लिए यहां प्रासाद भी बांटा जाता है। मंदिर के भव्य सुंदर आलंब और अंगूरी बाग़ के चारदीवार इसे और भी ख़ास बनाते हैं।

यहां के भक्त और परिवारें रोज़ाना आयते हैं और भगवान की भक्ति करते हैं। वृंदावन में मदन मोहन मंदिर के अलावा भी कई प्रमुख मंदिर हैं जो कृष्ण भगवान के पूजन के लिए प्रसिद्ध हैं, जैसे कि श्री बांके बिहारी मंदिर और श्रीजी के मंदिर आदि।

9.इस्कॉन मंदिर

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इस्कॉन (International Society for Krishna Consciousness) मंदिर वृंदावन, भारत में स्थित है और यह कृष्ण भगवान के पूजा और भक्ति केंद्र के रूप में जाना जाता है। इस्कॉन वृंदावन का निर्माण भगवान श्रीकृष्ण की पुरानी धार्मिक वीथियों के पास स्थित वृंदावन नगर में हुआ है।

इस मंदिर का मुख्य उद्देश्य भक्ति और सेवा के माध्यम से भगवान की प्रेम और भक्ति को बढ़ावा देना है। यहां पर भक्ति के रूप में भगवान कृष्ण के चरित्र और लीलाएं अध्यात्मिक चरणों पर ध्यान केंद्रित होती हैं।

इस्कॉन वृंदावन में भगवान कृष्ण की आराधना के लिए बहुत सुंदर मूर्तियों की पूजा की जाती है और भक्तों को धार्मिक शिक्षा भी दी जाती है। मंदिर के पास एक अच्छे खाने की जगह भी होती है जहां प्रसाद की व्यवस्था की जाती है।

इस्कॉन वृंदावन का यात्री और भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में महत्व है और यहां हर साल भक्तों की बड़ी संख्या में यात्रा की जाती है।

10.श्री वृंदाकुंड वृंदावन

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श्री वृंदाकुंड वृंदावन वासिनी माता का एक पवित्र स्थल है, जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। यह स्थल वृंदावन नामक नगर के पास है, जो हिन्दू धर्म के तीर्थस्थलों का महत्वपूर्ण केंद्र है।

वृंदाकुंड का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत उच्च है, क्योंकि यह स्थल भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के खिलौनों और लीलाओं का साक्षी माना जाता है। वृंदाकुंड के आस-पास कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं, जो भगवान कृष्ण के जीवन और लीलाओं से संबंधित हैं।

यहाँ पर कई मंदिर और श्रीकृष्ण और राधा रानी के पूजा-अर्चना के लिए अधिकारिक रूप से प्रयास किया जाता है। वृंदावन और वृंदाकुंड के स्थल भक्तों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं और यहाँ हर साल बहुत सारे पर्व-त्योहार आयोजित होते हैं, जिनमें भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव (जन्माष्टमी) का आयोजन भी शामिल है।

इसके अलावा, वृंदाकुंड वृंदावन के सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य का भी एक हिस्सा है और यहाँ के तालाबों और वृक्षों का दृश्य बहुत ही प्रशंसनीय है। यह स्थल धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल में भी विख्यात है, और यहाँ के तीर्थयात्री भगवान कृष्ण के प्रेम और भक्ति के भावनाओं में लीन होते हैं।

वृंदावन पहुंचने के लिए आपके पास कई तरीके हो सकते हैं,

  1. रेलवे: वृंदावन को रेलवे के जरिए पहुंचना सबसे सामान्य तरीका है। आप मथुरा रेलवे स्थानक पर ट्रेन का आगमन कर सकते हैं, और फिर से वहां से वृंदावन के लिए कैब या ऑटोरिक्शा ले सकते हैं।
  2. हड्डी: वृंदावन के पास मथुरा का हड्डी (मथुरा हवाई अड्डा) है, जहां से आप वायर या दुसरे विमान सेवाओं का उपयोग करके पहुंच सकते हैं।
  3. बस: वृंदावन को मथुरा, दिल्ली, आगरा और अन्य बड़े शहरों से बसों के माध्यम से पहुंचा जा सकता है।
  4. खुद की गाड़ी: यदि आपके पास खुद की गाड़ी है, तो आप अपनी गाड़ी का उपयोग करके भी वृंदावन पहुंच सकते हैं।

वृंदावन के प्रमुख पर्यटन स्थलों में श्री बनके बिहारी मंदिर, श्री राधाराणी मंदिर, श्री कृष्ण जन्मभूमि, और इसके चारों ओर के गांवों के तीर्थस्थल शामिल हैं। आप अपने पहुंचने के बाद इन स्थलों का दर्शन कर सकते हैं और वृंदावन के धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण का आनंद ले सकते हैं।

कृपया अपने यात्रा की योजना और पहुंचने के तरीके की पुष्टि के लिए यात्रा की विवरणों और अन्य स्थानीय जानकारी के लिए स्थानीय पर्यटन ब्यूरो या इंटरनेट से जांचें।

Vrindavan Map

FAQs

वृंदावन कहाँ स्थित है?

वृंदावन उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है।

वृंदावन का महत्व क्या है?

वृंदावन हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है, जहाँ परमपुरुष श्री कृष्ण का बचपन गुजरा था।

वृंदावन में कौन-कौन से मंदिर हैं?

वृंदावन में कई महत्वपूर्ण मंदिर हैं, जैसे कि श्री बनके बिहारी मंदिर, श्री राधाराणी मंदिर, और श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, जो पर्यटकों के लिए लोकप्रिय हैं।

वृंदावन के पास कैसे पहुंच सकते हैं?

वृंदावन को रेल, बस, हड्डी (हवाई अड्डा), और सड़क से पहुंचा जा सकता है। यह आपके स्थान से और यात्रा की आवश्यकताओं के आधार पर निर्भर करेगा।

वृंदावन में कौन-कौन से खास खाने के स्थल हैं?

वृंदावन में आप भगवद प्रसाद, मिठाईयाँ, पूरी-कचौरी, और दिल्ली की विशेष छोले भटूरे जैसी स्थानीय खाद्य पदार्थों का आनंद ले सकते हैं।

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