मध्यप्रदेश राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित जबलपुर, एक महत्वपूर्ण शहर है जो प्राचीनतम समय से ही अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। नर्मदा नदी के किनारे स्थित यह शहर, अपने आद्यात्मिक माहात्म्य और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
जबलपुर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और यहाँ के स्थानीय इतिहास में गांधीजी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों का यादगार स्थान है।
जबलपुर के आस-पास कई प्राकृतिक सौंदर्य स्थल भी हैं, Jabalpur me Ghumne ki Jagah भेदाघाट जहाँ नर्मदा नदी की चट्टानों के बीच का दृश्य अद्वितीय है। मदन महल, रामनगर, भवारकुण्ड और मर्बल रॉक्स जैसे स्थल भी यहाँ पर देखे जा सकते हैं।
1.बेदाघाट | Bedaghat Jabalpur me Ghumne ki Jagah
बेदाघाट, मध्यप्रदेश के अंतर्गत स्थित एक अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य स्थल है जो नर्मदा नदी के किनारे स्थित है। यह स्थल अपने विचित्र पत्थरों और ऊँची पहाड़ियों के लिए प्रसिद्ध है, जो नदी के जल से गुजरकर अनूठे रूप में तैयार होते हैं।
बेदाघाट का मुख्य आकर्षण भेदाघाट की चट्टानें हैं, जिनके ऊपर से गुजरती हुई नर्मदा की काली पानी की धाराएँ बेहद सुंदर दृश्यमान होती हैं। यहाँ की सुंदरता और प्राकृतिक अद्भुतता ने कई चित्रकलाकारों, कवियों और यात्रीगण की प्रेरणा दी है।
इसके अलावा, बेदाघाट में चौपाल, दुआंदार और भस्मकुण्ड जैसे प्राचीन मंदिर भी हैं, जो धार्मिक महत्व के साथ स्थित हैं। यहाँ की शांतिपूर्ण और प्राकृतिक वातावरण आत्मा को शांति प्रदान करता है और यहाँ की नावगेशन का भी आनंद लिया जा सकता है। बेदाघाट एक अद्वितीय प्राकृतिक रचना है जो भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
कैसे पहुँचें :-
- बस: जबलपुर से बेदाघाट के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं। आप नगर पालिका बस स्टैंड से या अन्य बस स्टैंड से बेदाघाट की ओर जा सकते हैं।
- टैक्सी / ऑटोरिक्शा: आप टैक्सी या ऑटोरिक्शा की सेवा भी ले सकते हैं जो आपको बेदाघाट पहुंचा सकते हैं।
- खुदाई गाड़ी / तंतु वाहन: आप अपने खुद के गाड़ी या तंतु वाहन का उपयोग करके भी बेदाघाट पहुंच सकते हैं।
- नर्मदा घाट पार पुल / बोट सेवा: आप नर्मदा घाट पार पुल के माध्यम से भी नर्मदा नदी के दुसरे किनारे पहुंच सकते हैं और फिर बोट सेवा का उपयोग करके बेदाघाट तक पहुंच सकते हैं।
- व्यक्तिगत वाहन: यदि आपके पास व्यक्तिगत वाहन है, तो आप रास्ते में गाइडेड नेविगेशन का भी उपयोग कर सकते हैं।
2.धुआंधार जलप्रपात | Dhuadhar water fall
धुआंधार झील: जलप्रपात, जबलपुर के प्रमुख प्राकृतिक आकर्षणों में से एक है जो आपको अपनी बहुतायत सांद्रता और प्राकृतिक सौन्दर्य से मोहित करता है। यह प्रसिद्ध जलप्रपात नर्मदा नदी के बेड से 98 फीट की ऊँचाई से नीचे गिरने वाला है, और इसकी खासियत उसके पानी के धुंधले अंशों में छिपी है, जिन्हें लोग “धुआधार” के नाम से जानते हैं।
यहाँ पर जाकर आपको नर्मदा की बहुतायत शांति और शक्ति का अहसास होता है। पानी के गिरने का आवाज, वातावरण में घुले हुए हरितता का आभास और धुआधार के पास की चट्टानों की उच्चता से निरंतर प्रवाहित होने वाली हवाएँ, ये सब आपके मन को शांति और आत्मा को पुनर्जीवन देते हैं।
कैसे पहुँचें :-
- हवाई जहाज़: सबसे निकटवर्ती हवाई अड्डा जबलपुर का “देवी अहिल्या बाई होल्कर अड्डा” है। यहाँ से आप जबलपुर आकर बसों, टैक्सियों या अन्य यातायात साधनों का उपयोग करके धुआधार जलप्रपात पहुँच सकते हैं।
- रेलगाड़ी: जबलपुर रेलवे स्टेशन जबलपुर के प्रमुख रेलवे स्टेशन में से एक है। आपको यहाँ से बसों, टैक्सियों या अन्य यातायात साधनों का उपयोग करके धुआधार जलप्रपात पहुँचना होगा।
- सड़कों के माध्यम से: आप खुद के वाहन या निजी टैक्सी का उपयोग करके भी धुआधार जलप्रपात पहुँच सकते हैं। यह जलप्रपात जबलपुर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपको नर्मदा पर नारोएल स्ट्रीट ब्रिज को पार करके जाना होगा, और फिर धुआधार की तरफ दिशा निर्देश का पालन करना होगा।
- यातायात साधनों का उपयोग: जबलपुर में बसें, रिक्शे और ऑटोरिक्शा आम यातायात साधने हैं जिनका आप धुआधार जलप्रपात पहुँचने में उपयोग कर सकते हैं।
3.बरगी बांध | Bargi Dam on Narmada River
बरगी बांध, नर्मदा नदी पर बसा एक शानदार इंजीनियरिंग महत्वपूर्ण निर्माण है जो मध्य भारत के हृदय मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर के पास स्थित है। यह नर्मदा नदी का जल रोकने वाला एक बड़ा डैम है, जो जलवायु और ऊर्जा आपूर्ति को बढ़ावा देने का कार्य करता है।
बरगी बांध का निर्माण उच्च बिजली उत्पादन और सिंचाई के उद्देश्यों के लिए किया गया था। इसकी ऊँचाई लगभग 69 मीटर है और यह एक विशाल जलाशय बनाता है जो क्षेत्रीय सिंचाई को संभावना देता है। यहाँ पर पानी के साथ-साथ खूबसूरत पर्यावरण और खेतों की हरियाली देखने को मिलता है।
बरगी बांध के आस-पास की सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर आत्मा को शांति मिलती है। यहाँ पर बोट यात्राएँ करके आप बांध के बीच की सुंदर झील की सैर का आनंद ले सकते हैं। बरगी बांध नदी के पार्श्वभूमि में स्थित होने के कारण यह एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है और यहाँ पर आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है।
कैसे पहुँचें :-
- वाहन से: आप बरगी डैम तक वाहन से पहुँच सकते हैं। जबलपुर शहर से बरगी डैम की दूरी लगभग 40-50 किलोमीटर है। आप टैक्सी, ऑटोरिक्शा, या खुद की कार से यहाँ पहुँच सकते हैं।
- रेलगाड़ी से: जबलपुर रेलवे स्टेशन से बरगी डैम की दिशा में ट्रेन सेवाएँ उपलब्ध हो सकती हैं। आप रेलगाड़ी से जबलपुर तक पहुँचकर वहाँ से वाहन का उपयोग करके डैम तक जा सकते हैं।
- बस से: जबलपुर में बस सेवाएँ भी उपलब्ध होती हैं जो आपको बरगी डैम ले जा सकती हैं। आप बस से भी यहाँ पहुँच सकते हैं और अपने मंजिल तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
- एयर से: नजदीकी वायुमंडल जबलपुर एयरपोर्ट है, जिससे आप जबलपुर उड़ानी सेवाओं का उपयोग करके यहाँ पहुँच सकते हैं। उड़ान आकर्षक और तेजी से हो सकती है, लेकिन यह आपके यात्रा के तरीके में एक विकल्प हो सकता है।
4.कचनार सिटी शिव मंदिर | Kachnar City Shiv Temple
कचनार सिटी शिव मंदिर, जबलपुर, मध्यप्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है जिसे उसकी अनूठी स्थानीय वास्तुशिल्प और प्राचीन महत्व के लिए पहचाना जाता है। यह मंदिर कचनार सिटी आवासीय समुदाय के अद्वितीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।
श्री कचनार सिटी शिव मंदिर का निर्माण स्थानीय धार्मिक उत्सवों के दौरान किया गया था और यह धार्मिक भक्ति और संकीर्तन की ऊंची ऊंची ध्वनियों के साथ आत्मा को शांति और सुकून प्रदान करता है। इस मंदिर की विशेषता उसकी भव्य शिखर शृंगार की रचना में है, जो स्थानीय कलाकारों द्वारा आकर्षक और अनूठे डिज़ाइन में बनाया गया है।
यहाँ की पवित्र वातावरण और मंदिर की शांति से भरपूर आत्मा को आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है। इस मंदिर के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा और विश्वास इसको एक अद्वितीय धार्मिक स्थल बनाते हैं। इसका दौरा करके, आपको कचनार सिटी की आदिवासी संस्कृति का भी मनमोहक परिप्रेक्ष्य भी प्राप्त होता है जो इसे और भी विशेष बनाता है।
कैसे पहुँचें :-
- हवाई जहाज़: नजदीकी विमानपत्तन हवाई अड्डे से कचनार सिटी शिव मंदिर की दिशा में टैक्सी या कार सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- रेलवे: जबलपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर का दूरी करीब 10 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से आप ऑटोरिक्शा, रिक्शा, टैक्सी, या बस का इस्तेमाल करके मंदिर पहुँच सकते हैं।
- बस: जबलपुर में स्थानिक बस सेवाएं उपलब्ध हैं जो कचनार सिटी मंदिर तक पहुँच सकती हैं। केंद्रीय बस स्टैंड से भी आप मंदिर की ओर बस सेवाएं ले सकते हैं।
- व्यक्तिगत वाहन: अगर आपके पास व्यक्तिगत वाहन है, तो गूगल मैप्स या निर्देशांकों का उपयोग करके मंदिर की दिशा में जा सकते हैं।
मंदिर पहुँचने से पहले, आपको स्थल के आस-पास के बोर्ड्स और संकेतों का भी ध्यान देना चाहिए जो आपको सही दिशा में ले जाएंगे।
5.विष्णु वराह मंदिर, माझौली:
माझौली, जबलपुर जिले के गोंडवाना तहसील में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहाँ पर स्थित विष्णु वराह मंदिर अपने अद्वितीय और रहस्यपूर्ण विभूतियों के लिए प्रसिद्ध है।
यह मंदिर भगवान विष्णु के आवतार वराह को समर्पित है, जिन्होंने भूमि को उठाकर असुर हिरण्याक्ष के अत्याचार से बचाया था। मंदिर का स्थान नर्मदा नदी के किनारे स्थित है, जिसका महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक संदर्भ है।
विष्णु वराह मंदिर का आदर्श आर्किटेक्चर और अद्वितीय संरचना इसे अलग बनाते हैं। मंदिर की दीवारों पर दिखने वाले उकेरे गए उद्धारण, वास्तुकला की महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं।
यह स्थल धार्मिक और आध्यात्मिक आकर्षण के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। विष्णु वराह मंदिर माझौली के एक अनूठे पहलू को प्रकट करता है और स्थानीय और बाहरी आगंतुकों को आकर्षित करता है, जो इसके प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझते हैं।
कैसे पहुँचें :-
- हवाई मार्गः यदि आप हवाई रास्ते से आना चाहते हैं, तो आपको जबलपुर के निकटवर्ती देवी आहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डे पर लोअर करना होगा। वहां से आप टैक्सी, ऑटोरिक्शा, या बस सेवाओं का उपयोग करके आपने आवश्यक स्थान पर पहुँच सकते हैं।
- रेल मार्गः जबलपुर रेलवे स्थानीय और दूसरे शहरों से सुविधाजनक रेल्वे संयोजन के साथ जुड़ा हुआ है। आप जबलपुर जंक्शन रेलवे स्थल पर आ सकते हैं और फिर आगे के परिवहन के लिए उपयोग कर सकते हैं।
- सड़क मार्गः अगर आप सड़क मार्ग से जाना पसंद करते हैं, तो आप बस, टैक्सी, या अपने वाहन का उपयोग कर सकते हैं। जबलपुर बाहरी शहरों से भी सड़क संयोजन से जुड़ा हुआ है।
- नगरिक परिवहनः जबलपुर में नगरिक परिवहन की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं, जैसे कि ऑटोरिक्शा, ई-रिक्शा, और बसें। आप इन सेवाओं का उपयोग करके शहर के भीतर या शहर से बाहर जाने के लिए आसानी से पहुँच सकते हैं।
सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से पहुँचने के लिए आप उपरोक्त विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं और आपकी यात्रा का आनंद ले सकते हैं।
6.मदन महाल
मदन महाल, जो नर्मदा नदी के किनारे जबलपुर शहर में स्थित है, एक प्राचीन किला है जो महाराष्ट्रीया भोंसले शासकों द्वारा निर्मित किया गया था। यह किला अपनी बेहद सुंदर आर्किटेक्चर और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
मदन महाल का नाम महाराजा मदनशाह द्वारा रचाये गए कविता “रामायण महाल” से आया है, जिसे वे इस किले के निर्माण समय में रचे थे। इस किले की शैली मुग़ल और हिन्दू वास्तुकला के मिश्रण को प्रकट करती है और इसकी दीवारों पर अलंकरण और नक्काशी की गई है।
मदन महाल के आस-पास घने वन्यजीव अभ्यारण्य, पानी की धाराएँ और आकर्षक पेड़-पौधों की विविधता दिखाई देती है। इसके निकट बलुआ पार्क भी स्थित है, जहाँ पर्यटक वन्यजीवों के करीब जा सकते हैं।
मदन महाल का दृश्यावलोकन आपको उस समय के दौरान ले जाएगा, जब यह किला शासकों की राजधानी था और यहाँ सभ्यता, कला, और साहित्य की धाराएँ बहती थीं। आज भी, मदन महाल एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी श्रेष्ठता और ऐतिहासिक महत्व के लिए मान्यता प्राप्त करता है।
कैसे पहुँचें :-
- हवाई मार्ग: जबलपुर में दुमन्द हवाई अड्डा है जिससे आप उड़ान भरकर पहुंच सकते हैं। इसके बाद, आप टैक्सी या बस का उपयोग करके मदन महाल तक पहुंच सकते हैं।
- रेल मार्ग: जबलपुर रेलवे स्टेशन रेल संयोजन के माध्यम से जुड़ा हुआ है। आप रेल्वे स्टेशन से टैक्सी, ऑटोरिक्शा या बस का उपयोग करके मदन महाल पहुंच सकते हैं।
- सड़क मार्ग: आप कार या बस का उपयोग करके भी मदन महाल पहुंच सकते हैं। जबलपुर शहर से मदन महाल की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है।
- स्थानीय वाहन: मदन महाल पहुंचने के लिए स्थानीय टैक्सी, ऑटोरिक्शा, या रिक्शा का उपयोग कर सकते हैं।
- नैगरिक परिवहन: आप स्थानीय बस सेवाओं का भी उपयोग करके मदन महाल पहुंच सकते हैं।
आपकी सुविधा के आधार पर, आप उपरोक्त विकल्पों में से किसी का चयन करके मदन महाल पहुंच सकते हैं। सुरक्षित और आनंददायक यात्रा के लिए, पहले ही आपके यात्रा की तिथि और स्थल की योजना तैयार कर लें।
7.बलुआ पार्क
बलुआ पार्क, जबलपुर का एक प्रमुख प्राकृतिक अभ्यारण्य है जो शहर के पास स्थित है। यह अभ्यारण्य जबलपुर की प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीव संपदा को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ पर विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव देखे जा सकते हैं जो वन्यजीव सुरक्षा और प्रशिक्षण के लिए रखे गए हैं।
बलुआ पार्क की खासियत:
- वन्यजीवों की विविधता: बलुआ पार्क में विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव जैसे कि बाघ, चीतल, नीलगाय, सांभर, चिंकारा, भालू आदि देखे जा सकते हैं। यहाँ के प्राकृतिक परियावरण में इन जानवरों का आदान-प्रदान होता है जो दर्शकों के लिए आकर्षण बनता है।
- जैव अद्यतन: बलुआ पार्क में जैव अद्यतन के अंतर्गत वन्यजीवों की संरक्षण और देखभाल की जाती है। यहाँ पर वन्यजीवों के स्वास्थ्य और जीवन्तता की देखरेख की जाती है ताकि उनकी प्रजातियाँ बच सकें।
- वन्यजीव संवर्धन: बलुआ पार्क में वन्यजीव संरक्षण के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट्स और योजनाएँ चलाई जाती हैं। यहाँ पर वन्यजीवों के प्रजनन, आहार, और सुरक्षा के लिए कई उपाय अपनाए जाते हैं।
- शिक्षात्मक केंद्र: बलुआ पार्क में वन्यजीवों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न शिक्षात्मक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूलों और महसूस संगठनों के छात्रों को वन्यजीवों के बारे में सिखाया जाता है जो उनकी जागरूकता बढ़ाता है।
बलुआ पार्क जबलपुर के लोगों और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है जो प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए उपयुक्त है। यहाँ पर वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है।
कैसे पहुँचें :-
- स्वयं गाड़ी: आप अपनी गाड़ी से बलुआ पार्क पहुँच सकते हैं। यह पार्क जबलपुर शहर के पास ही स्थित है, इसलिए आप नैगरिक यातायात का उपयोग करके आसानी से पहुँच सकते हैं।
- टैक्सी या ऑटोरिक्शा: आप टैक्सी या ऑटोरिक्शा की सेवाएँ भी ले सकते हैं जो आपको बलुआ पार्क ले जा सकती हैं। यह आपके लिए आरामदायक और सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
- सार्वजनिक परिवहन: जबलपुर में सार्वजनिक बस सेवाएँ भी उपलब्ध हैं जो आपको बलुआ पार्क तक पहुँचा सकती हैं। स्थानीय बसों की जानकारी स्थानीय परिवहन निगम से प्राप्त कर सकते हैं।
- पीडीआर/स्कूटर: आप पीडीआर या स्कूटर का भी उपयोग करके पार्क पहुँच सकते हैं, जो आपके लिए आसान और फ्लेक्सिबल विकल्प हो सकता है।
- वन्यजीव सफारी: बलुआ पार्क में वन्यजीव सफारी की भी सुविधा हो सकती है, जिसमें आप वन्यजीवों को करीब से देख सकते हैं। इसके लिए पार्क प्रबंधन से संपर्क करें और आवश्यक जानकारी प्राप्त करें।
आपकी पसंद और आवश्यकताओं के आधार पर उपरोक्त तरीकों में से किसी का चयन करें और बलुआ पार्क का आनंद लें। यात्रा के पहले स्थानीय परिवहन संगठन से आवश्यक जानकारी प्राप्त करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
जबलपुर कहाँ स्थित है?
जबलपुर मध्य प्रदेश राज्य, भारत में स्थित है।
जबलपुर का पुराना नाम क्या था?
पुराने समय में जबलपुर का नाम “जबालिपुरम” था, जो गोंड राजवंश के राजा महराज जबालि के नाम पर रखा गया था।
जबलपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल क्या हैं?
जबलपुर में मदन महल, भेदाघाट, चौसठ योगिनी मंदिर, दुर्गावती स्मृति उद्यान, माधुबनी गर्डन, और बलांजी मेघनी स्याही की घाटी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
जबलपुर की स्थानीय कला और संस्कृति क्या है?
जबलपुर की स्थानीय कला में गोंड संस्कृति का महत्वपूर्ण स्थान है, जिसमें स्थानीय लोकगीत, नृत्य और शिल्प शामिल हैं।
जबलपुर का स्थानीय खाना क्या है?
जबलपुर में स्थानीय खाना में भूते, साबुदाना खिचड़ी, पोहा, समोसा, कचोरी आदि शामिल हैं।
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जबलपुर में घूमने की जगह के बारे में अच्छी जानकारी दी गयी है |