Rishikesh me Ghumne ki Jagah : ऋषिकेश, गंगा नदी के किनारे बसा एक प्यारा शहर है जो उत्तराखंड में स्थित है। ये स्थल धार्मिक एवं प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। गंगा की पवित्रता, मंदिरों की शोभा, और पर्यटन स्थलों का यहाँ संगम होता है। क्या ब्लॉग पोस्ट में हम ऋषिकेश के बारे में कुछ प्रमुख बातें बताएंगे।
1.त्रिवेणी घाट Rishikesh me Ghumne ki Jagah
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त्रिवेणी घाट ऋषिकेश, उत्तराखंड में स्थित एक प्रसिद्ध और पवित्रता से भरपूर घाट है, जो गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है। ये स्थल ऋषिकेश की आध्यात्मिक महत्वपूर्ण जगहों में से एक है और यहां की यात्रा और पवित्रता हर यात्री को आकर्षित करती है।
त्रिवेणी घाट का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण शाम की गंगा आरती है, जिसे हर दिन हजारों लोग देखते हैं। क्या आरती का आनंद लेने वाले लोग यहां एक पवित्र और धार्मिक परिवर्तन में आसमानी सुख का अनुभव करते हैं। गंगा आरती के दौरन, पंडितों की ध्वनि, धूप, और दीपो की रोशनी से गंगा नदी की महानता का प्रशंसा किया जाता है। ये अनुष्ठान एक आध्यात्मिक अनुभव है, जो मनुष्य को शांति, पवित्रता, और आत्मा के सुधार से जोड़ता है।
त्रिवेणी घाट एक महत्वपूर्ण स्नान स्थल भी है, जहां लोग सुबह स्नान करके अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं। घाट पर पवित्रता का भोजन और प्रसाद भी बांटा जाता है, जो यात्रियों को एक पवित्र अभिप्राय प्रदान करता है।
इसके अलावा, त्रिवेणी घाट में लोग अक्सर योग और ध्यान का अभ्यास भी करते हैं, जिसका उनका मन और शरीर दोनों शुद्ध हो सकें। घाट के पास ही आपको धार्मिक किताबें और रुद्राक्ष की माला जैसी वास्तुएं भी मिलती हैं।
त्रिवेणी घाट की सुंदरता और धार्मिक महत्व, ऋषिकेश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण स्थल बनता है। यदि आप ऋषिकेश आते हैं, तो त्रिवेणी घाट को जरूर देखें और इस पवित्र स्थल का आनंद उठाएं।
2.ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस परमार्थ निकेतन आश्रम
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परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश, उत्तराखंड में स्थिति एक प्रमुख धार्मिक और यौगिक आश्रय है। ये आश्रम गंगा नदी के किनारे, पवित्र पर्वत शिखरों की भगवान में विराजमान है और मनुष्य की आत्मा की शांति और प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आश्रम का इतिहास धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। परमार्थ निकेतन की स्थापना स्वर्गीय स्वामी धनानंद सरस्वती जी द्वारा 1942 में की गई थी। आश्रम में आज भी उनका अनुग्रह और समर्पण का अनुभव होता है।
यहां पर आने वाले यात्रियों को ध्यान, योग और आध्यात्मिक अध्ययन के लिए एक शांत और पवित्र पर्यावरण प्रदान किया जाता है। आश्रम में अनेक प्रकार के सत्संग और आध्यात्मिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं, जो मनुष्य और आत्मा की शांति को बढ़ावा देते हैं।
परमार्थ निकेतन आश्रम के प्राकृतिक सौंदर्य को देखना भी एक अनुभव है। गंगा नदी की पवित्रता और आश्रम के हरिकुंड से निकलने वाले सुंदर जल का स्पर्श आपको हमेशा याद रहेगा।
आश्रम में व्यवस्थित व्यावसायिक आश्रय भी उपलब्ध हैं, जिसे यात्री अपनी आत्मा की शांति को ढूंढते हैं और ध्यान में रहने के लिए आराम से रुकते हैं। इसके अलावा, यहां पर अनेक ध्यान और योग शिक्षक भी हैं, जो आपको अभ्यास में सिखाने में मदद करेंगे।
परमार्थ निकेतन आश्रम एक ऐसा स्थान है जहाँ आप ध्यान, योग और आध्यात्मिक अनुभव की खोज में आये बिना ही अपनी आत्मा को पा सकते हैं। यदि आप एक शांत और मंथनमूलक स्थल पर अपनी मानसकिता को सुधारने की तलाश में हैं, तो परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश एक अद्भुत विकल्प हो सकता है।
3.ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस लक्ष्मण झूला और राम झूला
लक्ष्मण झूला और राम झूला, ऋषिकेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से दो हैं, जो गंगा नदी पर बने प्राचीन झूले हैं। दोनों झूलों की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता है और ये स्थल ऋषिकेश के पर्यटन और धार्मिक यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
लक्ष्मण झूला:
लक्ष्मण झूला एक प्राचीन लोहे का सस्पेंशन ब्रिज है, जिसका निर्माण 1929 में किया गया था। इसका नाम लक्ष्मण झूला महाभारत के एक प्रसिद्ध चरित्र, लक्ष्मण के नाम पर रखा गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, लक्ष्मण झूला वह स्थान है जहां भगवान राम के भाई लक्ष्मण ने जूट की रस्सी पर गंगा पार की थी। झूला लगभग 450 फीट लंबा है और गंगा नदी और आसपास की पहाड़ियों का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। लक्ष्मण झूला पर चलना एक रोमांचक अनुभव है, और पुल दोनों तरफ मंदिरों से सुशोभित है।
राम झूला:
राम झूला, जो लक्ष्मण झूला से कुछ दूर स्थित है, एक और प्राचीन झूला है, जिसका निर्माण 1986 में हुआ था। इसका नाम राम झूला रामायण के मर्यादा पुरूषोत्तम, भगवान राम के नाम पर रखा गया है। लक्ष्मण झूला के समान, राम झूला भी एक निलंबन पुल है, और यह गंगा के पूर्वी और पश्चिमी तटों को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण पैदल यात्री पुल के रूप में कार्य करता है। यह पुल मंदिरों, आश्रमों और दुकानों से सजा हुआ है। राम झूला से आप गंगा के मनोरम दृश्य और ऋषिकेश के जीवंत जीवन का आनंद ले सकते हैं।
डोनो झूले धार्मिक महत्व के साथ-साथ पर्यटन और यात्रियों के लिए आकर्षण का भी भव्य स्थान है। दोनों झूलों पर मंदिर हैं और यहां आप आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सकते हैं। ऋषिकेश यात्रा के दौरन, लक्ष्मण झूला और राम झूला को अवश्य घूमना न भूलें, क्योंकि ये स्थल ऋषिकेश के समृद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
4.ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस नीलकंठ महादेव मंदिर
नीलकंठ महादेव मंदिर, जो ऋषिकेश के निकट स्थित है, एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जहां भगवान शिव की आध्यात्मिक महिमा को महत्व दिया जाता है। ये मंदिर एक प्राचीन कथा से जुड़ा हुआ है और इसका इतिहास और विविध किस्से इस स्थल को और भी अद्भुत बनाते हैं।
मंदिर, एक अश्वत्थ वृक्ष के नीचे स्थित है, जिसके भक्तों का “नीलकंठ” यानी “नील गले वाला” भी कहा जाता है, क्यों कि यहां भगवान शिव ने विष को पिया था और उनका गले का रंग नीला हो गया था। इस कथा के आधार पर ही इस मंदिर का नाम “नीलकंठ महादेव मंदिर” रखा गया है।
यात्रा के लिए, आपको ऋषिकेश से 32 किलोमीटर की लंबी ट्रैकिंग करनी पड़ी है। ये ट्रेक आध्यात्मिक अनुभव का हिसा बन जाता है, जिसमें आप प्रकृति की अनमोल खोज करते हैं। ट्रेक की अवधि, आपको गंगा नदी के किनारे खूबसूरत दृश्य और प्रकृति के आस-पास के पहाड़ों का आनंद मिलता है।
मंदिर की सुंदर शिल्पकारी और वास्तु कला आपको प्रभावित करेगी। मंदिर के अंदर, शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है और आप पवित्रता की भावना से लुप्त हो जाएंगे। नीलकंठ महादेव मंदिर एक स्थल है जहां आपका ध्यान और शांति का महत्व समझा जाता है।
क्या मंदिर का दर्शन करके आप अपनी आध्यात्मिकता को सुधार सकते हैं और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद उठा सकते हैं। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश की यात्रा का एक महत्तवपूर्ण हिसा है, जहां आपको पवित्रता और शांति का अनुभव होता है।
5.ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस राजाजी नेशनल पार्क
राजाजी नेशनल पार्क, उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। ये पार्क 1983 में नेशनल पार्क के रूप में स्थापित हुआ और इसका नाम भारत के स्वतंत्रता सेनानी, सी. राजगोपालाचारी (राजाजी) के नाम पर रखा गया। राजाजी नेशनल पार्क, अपनी प्राकृतिक सौन्दर्य, विविधता से भरपूर वनस्पति और जंगली जानवरों के लिए प्रसिद्ध है।
पार्क की विशेषता ये है कि यहां आपको वनस्पति और जंगली जानवरों की अनेक प्रजातिया देखने को मिलती हैं। इसमें हिरन, बाघ, हाथी, साँप, कबूतर, अजगर, और अनेक प्रकार के पक्षी और प्राण देखे जा सकते हैं। ये एक जानवर प्रेमी के लिए जन्नत है।
राजाजी नेशनल पार्क के अंदर सफर करना एक अद्भुत अनुभव है। यहां आप जीप सफारी और हाथी सफारी का आनंद उठा सकते हैं, जो आपको जंगली जानवरों के साथ ऊपर, बंद, और व्यक्तिगत होने का मौका देती है। यदि आप पक्षी देखने के शौकीन हैं, तो ये जगह आपके लिए आकर्षण भारी है। पार्क में 300 से अधिक प्रकार के पक्षी पाये जाते हैं, जिनमीलोपार्ड, किंगफिशर, और भारत की राष्ट्रीय पक्षी, मोर, भी शामिल हैं।
इसके अलावा, राजाजी नेशनल पार्क ट्रैकिंग और कैंपिंग के लिए भी प्रसिद्ध है। कुछ प्राकृतिक शिविर और कैम्पिंग स्थल यहाँ पर उपलब्ध हैं, जो वनस्पति और पर्यावरण के साथ व्यक्तिगत संपर्क बनाने का मौका देते हैं।
6.ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस बीटल्स आश्रम
बीटल्स आश्रम, जो चौरासी कुटिया के नाम से भी प्रसिद्ध है, ऋषिकेश, उत्तराखंड में स्थित एक इतिहास और सांस्कृतिक महत्ता का स्थल है। ये आश्रम प्रसिद्ध ब्रिटिश रॉक बैंड “द बीटल्स” के लिए उनके ध्यान और योग साधना के स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। क्या आश्रम की कहानी और उसके महत्व के बारे में जानें:
- बीटल्स का ऋषिकेष आना:
आश्रम की कहानी 1960 के दशक के अंत में शुरू होती है, जब द बीटल्स, जॉन लेनन, पॉल मेकार्टनी, जॉर्ज हैरिसन, और रिंगो स्टार, महर्षि महेश योगी के अनुशासन में ध्यान और भावातीत ध्यान के लिए ऋषिकेष आये। क्या यात्रा का उद्देश्य मानसिक शांति और अंतरराष्ट्रीय अनुशासन की खोज है। - चौरासी कुटिया के प्रश्न पत्र:
बीटल्स आश्रम के 1967 में आने से पहले, वहां “चौरासी कुटिया” के नाम से जानी जाती थी। महर्षि महेश योगी ने इस आश्रम को 84 कुटियों में विभाजित किया था, जहां साधक योग और ध्यान की साधना करते थे। - बीटल्स का योग साधना:
बीटल्स यहां अपनी उपासना की दिनचर्या में ध्यान, योग और सांस्कृतिक अध्ययन में व्याप्त थे। ये समय उनका कला और ध्यान में एक अद्भुत परिवर्तन लाया, जो उनका संगीत और जीवन को प्रभावित करता है। - बीटल्स आश्रम की आज की स्थिति:
1990 में आश्रम बंद हो गया, और कुछ वर्षों तक छोड़ दिया गया। लेकिन अब ये आश्रम “द बीटल्स आश्रम” के रूप में पुनर्जन्म हो गया है। आप यहां उनके लिखे गए गीतों की लिखी गंदगी, म्यूरल, और महत्वपूर्ण स्थलों को देख सकते हैं। - अदभुत छायांकन स्थली:
बीटल्स आश्रम के पर्यावरण में प्राकृतिक ख़ूबसूरती है, और ये एक छायांकन के लिए सपनों की जगह है। आप यहां आकर्षण तस्वीर बना सकते हैं।
बीटल्स आश्रम एक ऐसी जगह है, जहां संस्कृति, संगीत और ध्यान का एक अद्भुत मेल होता है। इस जगह का महत्व बीटल्स के लिए और उनके प्रशंसकों के लिए आज भी अधिक है। आज, ये आश्रम ऋषिकेश के पर्यटक स्थल में एक महत्वपूर्ण हिसा है, जहां आप एक अनोखा और मनोहर अनुभव पा सकते हैं।
7.ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस ऋषिकुंड
“ऋषिकुंड” एक प्राचीन और महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थ स्थल है, जो भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यह स्थल हिमालय की श्रृंगालों और प्रकृति की शान्ति से घिरा हुआ है और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
ऋषिकुंड का नाम संस्कृत में “ऋषि” और “कुंड” से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है “ऋषियों का कुंड”। इसे ऋषियों के ध्यान और तप के स्थल के रूप में पूजा जाता है, और यहां कई प्राचीन मंदिर और गुफाएं हैं जो ऋषियों और संतों के समर्पित हैं।
ऋषिकुंड की प्रमुख आकर्षणों में ऋषिकेश गुफा, बैद्यनाथ मंदिर, अनुमंबा मंदिर, और तुंगनाथ मंदिर शामिल हैं। ऋषिकुंड के पास गंगोत्री और यमुनोत्री धाम भी हैं, जो चार धाम यात्रा का हिस्सा हैं।
इसके अलावा, यहां गंगा नदी का स्रोत होता है, जिसे गौमुख के नाम से जाना जाता है, और यहां कई प्रकृति संरक्षण क्षेत्र हैं, जो वन्यजीवों के लिए संरक्षित हैं।
यहां के शांत और प्राकृतिक माहौल ने योग और ध्यान के लिए एक आदर्श स्थल के रूप में भी ऋषिकुंड को मशहूर किया है। इसके आस-पास के पर्वतीय क्षेत्र ट्रेकिंग और आवेशन के शौकीनों के लिए भी एक स्वर्ग हैं।
यहां आने वाले पर्यटक धार्मिक आदर्शों के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद लेते हैं और इस धार्मिक और प्राकृतिक संगम का आनंद लेते हैं।
8.ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस भरत मंदिर
भरत मंदिर, ऋषिकेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है और यह मंदिर भगवान राम के छोटे भाई भरत को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा किया गया था।
यह मंदिर भारतीय धार्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण प्रतीक है, और यहाँ के पूजारी और भक्तगण इसे संजीवनी भाव से देखाते हैं। हालांकि मंदिर के मूल स्वरूप को 1338 में तैमूर के द्वारा आक्रमण करके क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, लेकिन यह मंदिर अब भी अपने महत्वपूर्ण संरक्षण को संभालता है।
भरत मंदिर त्रिवेणी घाट के पास, ओल्ड टाउन में स्थित है, जिसका वातावरण शांतिपूर्ण और माध्यमिक है। यहाँ पर आने वाले भक्त अपनी आत्मिक शांति और ध्यान का आनंद लेते हैं और इस प्राचीन स्थल के पास की सुंदरता का भी आनंद उठाते हैं।
9.ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस शिवपुरी
शिवपुरी, उत्तराखंड राज्य में स्थित एक छोटे से गांव का नाम है, जो कि ऋषिकेश से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है। यह गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है और धार्मिक तथा आध्यात्मिक यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।
शिवपुरी के पास एक बड़ा प्राकृतिक कुंड है, जिसे शिवपुरी कुंड के नाम से जाना जाता है। यहां के जल स्रोत ने इसे एक मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति केंद्र बना दिया है, जहां लोग ध्यान और ताप करने आते हैं। यहां पर्यापन के दिनों में बहुत से लोग योग और ध्यान के लिए आते हैं और अपनी आत्मा को शांति और सुख की ओर बढ़ाने का प्रयास करते हैं।
शिवपुरी के निकट कुछ छोटे-मोटे आश्रम भी हैं, जो योग और आध्यात्मिक अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं। यहां के आश्रमों में शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण में अपनी आत्मा की खोज करने का मौका मिलता है।
शिवपुरी के आस-पास का प्राकृतिक सौंदर्य भी अद्भुत है, और यहां के वन्यजीवों के लिए एक प्रिय गणराज्य है। इस छोटे से गांव की सुंदरता और धार्मिक माहौल ने इसे एक मानव और प्राकृतिक एकता के स्थल के रूप में बना दिया है।
10.ऋषिकेश टूरिस्ट प्लेस कैलाश निकेतन मंदिर
कैलाश निकेतन मंदिर, भारत के पवित्र और आध्यात्मिक स्थलों में से एक है, जो उत्तराखंड राज्य के रिषिकेश शहर में स्थित है। यह सांदर्भिकता और मनोभाव की ऊँचाइयों के बीच अबाध है और वहाँ के आश्रमिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस मंदिर का नाम भगवान शिव के आवास के रूप में है, और यह आकर्षण उन यात्रीगण के लिए है जो ध्यान, साधना, और आध्यात्मिक अभ्यास को पसंद करते हैं। कैलाश निकेतन मंदिर का माहौल शांतिपूर्ण होता है और यहाँ के आश्रम गुरुकुल की भावना को प्रमोट करते हैं।
मंदिर के पास एक छोटा सा झील है, जिसे कैलाश कुंड कहा जाता है, जिसमें लोग स्नान करते हैं और अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं। इसके आलावा, यहाँ पर आयोजित होने वाले आध्यात्मिक कार्यक्रम और ध्यान शिविर भी बहुत प्रसिद्ध हैं।
कैलाश निकेतन मंदिर का सुन्दर आर्किटेक्चर और उसका आध्यात्मिक माहौल आपको वहाँ के दिव्यता का अनुभव कराता है। यहाँ के आध्यात्मिक गुरु और योगियों की सत्संग आपकी आत्मा को शांति और आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ाती हैं।
कैलाश निकेतन मंदिर एक स्थल है जो आत्मा की खोज, सांत्वना, और मानसिक शुद्धि की दिशा में लोगों को प्रेरित करता है। यह एक धार्मिक और आध्यात्मिक सफर के लिए एक आदर्श स्थल है जो व्यक्ति को उसके आध्यात्मिक अभ्यास की गहराइयों में ले जाता है।
Rishikesh Map
FAQs
ऋषीकेश में घुमने की सबसे प्रमुख जगह कौन सी है?
ऋषिकेश में घूमने की सबसे प्रमुख जगह त्रिवेणी घाट है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम का आनंद लिया जा सकता है। यहां आप गंगा आरती का भी अनुभव कर सकते हैं।
ऋषिकेश में कहां पर सन्नाटा और ध्यान के लिए जगह है?
ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन आश्रम, वशिष्ठ गुफा, और कैलाश निकेतन मंदिर जैसा स्थल सन्नाटा, ध्यान, और आध्यात्मिक अनुभव के लिए प्रसिद्ध हैं।
क्या ऋषिकेश में वन्य जीवन देखने का अवसर भी है?
हां, राजाजी नेशनल पार्क ऋषिकेश के आस-पास स्थित है, जहां आप हिरन, बाघ, हाथी, और विभिन्न प्रकार के पक्षियों का दर्शन कर सकते हैं।
ऋषिकेश कब सबसे अच्छी यात्रा के लिए समय होता है?
ऋषिकेश की यात्रा के लिए अक्टूबर से अप्रैल तक का समय सबसे अच्छा होता है। ये समय सुहावना मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए उपयुक्त होता है।
ऋषिकेश में खरीदारी और स्थानीय व्यंजनों का क्या अवसर है?
ऋषिकेश के स्थानीय बाज़ार में आप आध्यात्मिक वस्तुएं, हस्तशिल्प, और योग सामग्री ख़रीद सकते हैं। स्थानीय ढाबों और रेस्तरां में आपको उत्तराखंड की स्थानीय रसोई का आनंद भी मिल सकता है।
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