9+Assam Me Ghumne ki Jagah |असम में घूमने की जगह

Assam Me Ghumne ki Jagah- भारत के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में स्थित असम विविध परिदृश्यों, समृद्ध संस्कृति और अनूठी परंपराओं की भूमि है। यह राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और जीवंत विरासत के लिए प्रसिद्ध है। असम की सबसे खास विशेषताओं में से एक इसके हरे-भरे चाय के बागान हैं, जो दुनिया की कुछ बेहतरीन चाय का उत्पादन करते हैं। राज्य को अक्सर “चाय की भूमि” के रूप में जाना जाता है और चाय के शौकीनों के लिए इसके चाय बागानों में से एक का दौरा करना जरूरी है।

1.माजुली द्वीप |Majuli Island Assam Me Ghumne ki Jagah

Assam Me Ghumne ki Jagah

माजुली द्वीप भारत के असम राज्य में स्थित है और यह भारत का सबसे बड़ा द्वीप है जो ब्रह्मपुत्र नदी में स्थित है। यह द्वीप अपने प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक मूल्यों, और अद्वितीय वन्यजीव से प्रसिद्ध है। इसे “असम की जान” भी कहा जाता है।

माजुली द्वीप के ब्रह्मपुत्र नदी के चारों ओर फैले हुए प्राकृतिक खूबसूरती को देखकर आपके दिल की धड़कन तेज हो जाएगी। यहाँ के वन्यजीवों में बाघ, हाथी, गाय, और भालू शामिल हैं, जिन्हें देखने का अद्वितीय अवसर मिलता है।

माजुली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में सत्र, आसाम, और कमला बारी शामिल हैं, जो सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए मशहूर हैं। यहाँ पर आप मिसामारी गाने, नृत्य, और असम की धर्मिक परंपराओं का अनुभव कर सकते हैं।

जब आप माजुली पर आएं, तो आपको वहाँ के बृहदाश्वामेद गुरुकुल परिषद के बारे में जानकारी प्राप्त होगी, जो योग और अद्वितीय शिक्षा का केंद्र है।

माजुली द्वीप के यात्री बंधुत्व और साहित्य का अनुभव करते हैं जो इस द्वीप को एक अद्वितीय स्थल बनाता है। इसका अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर भारतीय पर्यटकों के लिए एक स्वर्ग समान है।

2.मानस राष्ट्रीय उद्यान |Manas National Park

Assam Me Ghumne ki Jagah

मानस राष्ट्रीय उद्यान एक प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय स्थल है जो भारत के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है। यह उद्यान असम राज्य के हेमा हिल्स क्षेत्र में स्थित है और यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीवों की अद्वितीय जातियों, और वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है।

मानस राष्ट्रीय उद्यान का स्थापना वर्ष 1990 में हुआ था और यह विश्व धरोहर स्थल के रूप में UNESCO द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसका मुख्य उद्देश्य असम के वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र की अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देना है।

मानस राष्ट्रीय उद्यान का आकार लगभग 950 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ पर विविध जलवायु, वनस्पति, और प्राकृतिक सौंदर्य है। यह एक महत्वपूर्ण पक्षी दृष्टिकोण है और यहाँ पर कई प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं, जैसे कि होलोक गिबोन, बेंगली फूल, और असम प्याजर।

इसके अलावा, मानस राष्ट्रीय उद्यान में विविधता समृद्धि क्षेत्र है, जिसमें बाघ, भालू, गाय, हिरण, और बंदर जैसे वन्यजीव घर करते हैं। यहाँ पर कई अनुसंधान केंद्र और विश्वविद्यालयों के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण के लिए कई पहल भी चलाई जाती हैं।

मानस राष्ट्रीय उद्यान एक प्राकृतिक संरक्षण केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण है और यह एक दर्शनीय स्थल के रूप में भी पर्यटकों के लिए अत्यंत आकर्षक है। यहाँ आने पर आपको असम की प्राकृतिक खूबसूरती और वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ एक अनूठा अनुभव मिलेगा।

3.काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान |Kaziranga National Park

Assam Me Ghumne ki Jagah

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम राज्य के इस प्राचीन और महत्वपूर्ण प्राकृतिक खगोल निर्मिति में से एक है, जो वन्यजीवों के संरक्षण के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह पर्यापन में लगभग 2,500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसका नाम काजीरंगा नामक ब्रह्मपुत्र नदी के आस-पास के पहाड़ों के रूप में प्रसिद्ध है।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध विशेषता उसमें बसे वन्यजीवों का संरक्षण है, जिसमें भारतीय एकाधिकार सिंह (Indian One-Horned Rhinoceros) का संरक्षण एक मुख्य उद्देश्य है। इसे भारतीय अधिकृत गेंद के रूप में भी जाना जाता है और यहाँ के जंगलों में यह सिंह बड़े संख्या में पाये जाते हैं।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवों के साथ-साथ एक आकर्षक पर्यटन स्थल भी है। यहाँ आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं, वन्यजीवों के साथ जंगली सफारियों का आनंद ले सकते हैं और पार्क के अंदर के अनेक प्रजातियों के जीवों को देख सकते हैं।

इसके अलावा, काजीरंगा एक महत्वपूर्ण पक्षी अभ्यारण्य भी है, जहाँ आप विविध प्रकार के पक्षियों का संरक्षण देख सकते हैं।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान ने अपने वन्यजीव संरक्षण के लिए विश्व प्रसिद्ध है और यह असम का गर्व है। यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य और बियाबानी जीवन का आनंद लें और एक अनूठा प्राकृतिक वन्यजीव अनुभव प्राप्त करें।

4.हाफलॉन्ग |Halflong

Assam Me Ghumne ki Jagah

हाफलॉन्ग, एक प्रकृति सौंदर्य का अद्वितीय आकर्षण, एक छोटे से गांव की तरह आपको अपने प्राकृतिक शांति और शैली में डूबने का अवसर प्रदान करता है। हाफलॉन्ग, असम के पूर्वी हिमालय की खरीफ घाटियों में स्थित है और यह वीरांगना नदी के किनारे बसा हुआ है। यह असम का एक मानसिक आराम और अनुभव केंद्र है, जहां प्राकृतिक सौंदर्य का निम्नलिखित मिश्रण है: वन्य जीवन, गिरिवाणी झीलें, घाटियों की महसूस, और प्राचीन संग्रहालयों की विशाल संख्या।

हाफलॉन्ग का वातावरण शांतिपूर्ण है और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को निरंतर बढ़ावा दिया जाता है। विदेशी और घरेलू पर्यटक यहां की आदिवासी संस्कृति, जैव विविधता, और शांत जीवनशैली का आनंद लेते हैं।

हाफलॉन्ग के प्रमुख आकर्षण में से एक घाटियों की प्रचीर, जिनमें आपको प्राकृतिक प्रवास, ट्रेकिंग, और वन्य जीवन का अद्वितीय अनुभव मिलता है। यहां की मुख्य झीलें और नदियाँ जलवायु और प्राकृतिक सौंदर्य का संतुष्टांत्र प्रदान करती हैं।

हाफलॉन्ग आपको अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही अपने पूरे मन, शरीर, और आत्मा की शांति भी प्रदान करता है। इसे एक आरामदायक पर्यटन स्थल के रूप में चुनने का अवसर बनाएं और हाफलॉन्ग की सुंदरता और सान्त्वना का आनंद लें।

5.डिब्रूगढ़ |Dibrugarh

Assam Me Ghumne ki Jagah

भारत के पूर्वांचल में स्थित डिब्रूगढ़ असम राज्य का एक प्रमुख नगर है जो प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर, और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। डिब्रूगढ़ का नाम असमी शब्द “डिबर” (देवी का नाम) और “उगड़ा” (नगर) से मिलकर बना है, जिसका मतलब होता है “देवी की नगरी”।

पर्यटन आकर्षण:

  1. कामाख्या देवालय: यह असम का प्रमुख तीर्थ स्थल है और हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण माता कामाख्या के मंदिर का स्थल है।
  2. सिक्किम जाने वाले पुल: यह भारत का सबसे लम्बा सीसी रेलवे पुल है जो डिब्रूगढ़ को सिक्किम से जोड़ता है।
  3. असम राज्य म्यूजियम: इस संग्रहालय में असम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण संग्रह है।
  4. चाय बागान: डिब्रूगढ़ के पास विशाल चाय बागान हैं, जो चाय प्रेमियों के लिए आकर्षण हैं।
  5. ब्रह्मपुत्र नदी: नगर के पास ब्रह्मपुत्र नदी के गहरे नीले पानी के जल संचयन का दृश्य है, जो दर्शनीय है।

सांस्कृतिक धरोहर: डिब्रूगढ़ असमी सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र है, और यहां पर विभिन्न जलमेले, उत्सव, और सांस्कृतिक प्रदर्शन होते हैं।

सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से: डिब्रूगढ़ असम के आर्थिक और सामाजिक विकास का महत्वपूर्ण केंद्र है, और यहां विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर भी मिलते हैं।

आवश्यक जानकारी: डिब्रूगढ़ को रेलवे, हवाईअड्डा, और असम के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जिससे इसे आसानी से पहुंचा जा सकता है।

डिब्रूगढ़ असम का एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और पर्यटन गन्ना है, जो भारत के पूर्वांचल में अवश्य दर्शनीय है।

6.दिसपुर |Dispur

Assam Me Ghumne ki Jagah

दिसपुर, असम राज्य की राजधानी गुवाहाटी के एक हिस्से के रूप में स्थित है, और यह गुवाहाटी के विशिष्ट उपनगर है। दिसपुर को असम की राजधानी बनाया गया था, जब ब्रिटिश शासन के दौरान शिलांग को असम से अलग किया गया था।

दिसपुर का नाम असमीजी में “दीक्षितपुर” से आया है, जिसका मतलब होता है “एक महत्वपूर्ण नगर”। यह शहर असम की सरकारी और प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र है, और यहां पर असम राज्य सभा और विधायिका भवन स्थित हैं।

दिसपुर असम की संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां आपको कई महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल, मंदिर, और सांस्कृतिक संरक्षित स्थल मिलेंगे, जैसे कि उज्ज्वल गर्ह मंदिर, वसिष्ठअश्रम, और श्रीश्री हेमकुंड देवालय।

इसके अलावा, दिसपुर गुवाहाटी के बड़े व्यापारिक केंद्रों में से एक है और यहां पर विभिन्न दुकानें, बाजार, और खरीददारी के अवसर हैं। यहां के बजार बहुत सारी स्थानीय और असमी वस्त्र, कला-शिल्प, और खाद्यान्न प्रदान करते हैं।

दिसपुर का मौसम बर्फीले पर्वों के दौरान बेहद सुहावना बन जाता है, जब यहां के पर्यटक बर्फबर्फ खेलने और ठंड में घूमने का आनंद लेते हैं।

इस प्रकार, दिसपुर असम का एक महत्वपूर्ण शहर है जो सरकारी और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, साथ ही स्थानीय वस्त्र, खाद्यान्न, और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी प्रसिद्ध है।

7.जोरहाट | Jorhat

Assam Me Ghumne ki Jagah

जोरहाट, असम के एक प्रमुख जिले और शहर का नाम है जो पूर्व भारत में स्थित है। यह असम के उत्तरी क्षेत्र में स्थित है और एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जगह है।

जोरहाट एक सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ भरपूर है, जिसमें हरियाली से भरे बाग-बगिचों, खूबसूरत पहाड़ों, और वन्यजीवों का आबास है। यह शहर और उसका आसपास क्षेत्र प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध हैं और यह वन्यजीव संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

जोरहाट के कुछ प्रमुख आकर्षण शामिल हैं:

  1. काजीरंगा नेशनल पार्क: यह पार्क जोरहाट के पास स्थित है और एक मशहूर वन्यजीव अभ्यारण्य है, जिसमें आप बाघ, एलेफेंट, विल्ड बफ़ेलो, और अन्य वन्यजीवों को देख सकते हैं।
  2. अगनी जलपर्यावरण और खेलने की विशेषज्ञता: यह जगह बांधों और झीलों के लिए मशहूर है, जिसमें आप जलस्पर्श करने का और विभिन्न पानी संगठनों के साथ खेलने का मौका पा सकते हैं।
  3. टी गार्डन्स: जोरहाट क्षेत्र में चाय के बगीचे हैं, और यहाँ आप चाय उद्योग की प्रक्रिया को देखने का मौका पा सकते हैं।
  4. गोलागाट्का: इस छोटे गाँव का महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महल है और यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
  5. संग्रहालय: जोरहाट में एक कला और संग्रहालय है जो शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को प्रस्तुत करता है।

जोरहाट का खास अनुभव है क्योंकि यह एक सांस्कृतिक और प्राकृतिक दर्शनीयता का संगम है जो पर्यटकों को असम की अद्वितीय धरोहर और सौंदर्य का अनुभव करने का मौका देता है।

8.कामाख्या देवी मंदिर | Kamakhya Devi Temple

Assam Me Ghumne ki Jagah

कामाख्या देवी मंदिर, असम के गुवाहाटी शहर के पास स्थित है और यह एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है जो भारत के धार्मिक और पारंपरिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मंदिर का नाम भारतीय साहित्य और मिथकों में महत्वपूर्ण है और यह माता कामाख्या की पूजा के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें योनितन्त्र मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।

कामाख्या देवी मंदिर भारत के उत्तरपूर्वी हिस्से में अपनी आकर्षकता के लिए प्रसिद्ध है, और यह हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

मंदिर की विशेषता:

  1. पुराणिक महत्व: कामाख्या देवी मंदिर का महत्वपूर्ण स्थान है भारतीय पुराणों में। यहां पर एक पुराणिक कथा के अनुसार माता सती के योनि का पत्ता गिरा था, और इसलिए यहां पूजा जाता है।
  2. अनौपचारिकता: मंदिर के गर्भगृह में दिव्य शक्ति के रूप में पूजा की जाती है और यहां श्रद्धालु नौपचारिक रूप से उपासना करते हैं।
  3. अनुपम सौंदर्य: मंदिर का वातावरण और शृंगारिक शैली उन्नत और अद्वितीय है, जिसका सौंदर्य सभी यात्री को प्रभावित करता है।
  4. विशेष उपासना: मंदिर में नित्य यज्ञ होता है और महिलाएं विशेष रूप से माता कामाख्या की पूजा करती हैं।
  5. अन्यत्रिक पर्यटकों के लिए: मंदिर के आस-पास कई अन्य पर्यटन स्थल भी हैं, जैसे कि उज्जयंत पलेस और नीलाचल पर्वत।

कामाख्या देवी मंदिर एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है और यह एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव प्रदान करता है, जिसमें श्रद्धालु अपनी भक्ति और आस्था का अभिवादन करते हैं।

9.नमेरी राष्ट्रीय उद्यान |Kamakhya Devi Temple

Assam Me Ghumne ki Jagah


नमेरी राष्ट्रीय उद्यान, असम का एक प्रमुख प्राकृतिक आकर्षण है जो पूर्व भारत में स्थित है। यह उद्यान असम के मानस और सोनितपुर जिलों में फैला हुआ है और ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित है, जिसका सौंदर्य और प्राकृतिक धरोहर इसे एक अनूठा स्थल बनाते हैं।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान भारत के प्रमुख बाघ अभ्यारण्यों में से एक है और यह बाघों के लिए एक महत्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्र है। इसके अलावा, यहां पर अन्य वन्यजीवों के लिए भी एक सुरक्षित आवास है, जैसे कि वाण ब्यास, यूनिकॉर्न, हरिण, और बहुत सारी प्रजातियाँ।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा है। यहां पर एक सुंदर प्राकृतिक वातावरण, घने जंगल, और उद्यान के पास बहुत सारे जलस्रोत हैं जो पक्षियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल हैं।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान का आकर्षण वन्यजीवों के लिए ही नहीं है, बल्कि यह एक प्राकृतिक सौंदर्य का स्थल भी है। यहां पर आपको हरित वन्य प्राकृतिक बागिचों, बांधों, और नदियों के किनारे घूमने का मौका मिलता है, जो एक शांत और सुखद अनुभव प्रदान करते हैं।

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान एक प्राकृतिक खजाना है और यह पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है, जो वन्यजीवों के साथ सुनसान प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं।

10.पोबीतोरा वन्यजीव अभयारण्य |Pobitora Wildlife Sanctuary

Assam Me Ghumne ki Jagah

पोबीतोरा वन्यजीव अभयारण्य, असम राज्य के पूर्वी हिस्से में स्थित एक महत्वपूर्ण वन्यजीव अभयारण्य है। यह अभयारण्य असम के प्राकृतिक सौंदर्य को सुरक्षित रखने और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए समर्पित है।

पोबीतोरा वन्यजीव अभयारण्य विभिन्न प्रकार के जीवों के लिए एक महत्वपूर्ण घर है, और यह वन्यजीवों के संरक्षण के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जैसे कि बेंगल टाइगर, एलेफेंट, असियाई ब्लैक बीअर, और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के लिए। यहां पर वन्यजीवों की अन्य जीवों से मुलाकात करने का अवसर है और वन्यजीवों के स्वाभाविक आवास की गहराई में प्रवेश करने का अनुमति देता है।

यह अभयारण्य भी प्राकृतिक सौंदर्य के रूप में अनेक प्राकृतिक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है, जैसे कि प्राकृतिक झील, वन्यपशुओं के जीवन की जगह, और वन्य फूलों का आवास। यहां के वन्यजीव अभयारण्य के आवासी होने के कारण, यह वन्यजीवों के विचार को सही तरीके से अध्ययन करने और संरक्षण कार्यों को संचालित करने के लिए अधिक सुविधाजनक होता है।

पोबीतोरा वन्यजीव अभयारण्य के अंदर के सुनसान और शांत वातावरण ने इसे एक प्राकृतिक शांति केंद्र बना दिया है, जहां प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने और वन्यजीवों के संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर है। यह वन्यजीवों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ एक पर्यटकों के लिए भी आकर्षण है, जहां वे प्राकृतिक जीवन का आनंद ले सकते हैं।

डिब्रूगढ़ असम के एक महत्वपूर्ण शहर के रूप में प्रसिद्ध है, लेकिन इसके आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण स्थल है। पोबीतोरा वन्यजीव अभयारण्य एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में इसके महत्व को और भी बढ़ा देता है, और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए असम की प्राकृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

असम कैसे पहुंचें?

  • हवाई यात्रा (हवाई यात्रा): असम के प्रमुख शहरों जैसे कि गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, सिलचर, और जोरहाट को हवाई यात्रा से पहुंचा जा सकता है। लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, गुवाहाटी, असम का प्रमुख हवाई अड्डा है। आप यहां से किसी अन्य हवाई अड्डे तक भी कनेक्टिंग फ्लाइट से संपर्क कर सकते हैं।
  • रेल यात्रा (ट्रेन यात्रा): असम को भारतीय रेलवे के लिए जरूर जाना चाहिए। असम में प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं, जैसे कि गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और सिलचर। आप अपने स्थान के अनुकूल रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से पहुँच सकते हैं।
  • सड़क यात्रा (सड़क यात्रा): असम को सड़क यात्रा से भी पहले जा सकता है। यदि आप पड़ोस राज्य से आ रहे हैं, तो आप अपनी गाड़ी या बस से असम तक पहुँच सकते हैं। भारत के अलग-अलग भगोड़े से असम तक बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
  • नदी यात्रा (नदी यात्रा): असम ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित हैं, और यदि आप साहसिक हैं, तो आप ब्रह्मपुत्र नदी पर नाव या क्रूज के माध्यम से असम तक पहुँच सकते हैं।
  • हाथियों पर सवारी (हाथी सफारी): असम में कुछ ऐसी जगह है, जहां पर हाथों पर सफर की व्यवस्था होती है। आप यहां हाथों पर सवारी करके घने वनो में घूम सकते हैं।

असम पहुंचने से पहले, आपको यहां की स्थिति, मौसम, और यात्रा के लिए सारी अनिवार्यक जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। तथा, आपका परिवहन, होटल, और खाना-पीना की व्यवस्था भी पहले से तैयार होनी चाहिए।

Assam Map

FAQs

असम कहा हैं?

असम भारत के राज्य है जिसकी राजधानी दिसपुर हैं।

असम घूमने के लिए कब जाए

असम आप घूमने के लिए गर्मी के मौसम में जा सकते हैं। इस दौरान यहां का मौसम काफी सुहावना होता हैं। इसके अलावा यहां पर कई सारे वाटरफॉल बने हुए हैं जिसमें पर्यटक पानी की सारी एक्टिविटी कर सकते हैं।

असम घूमने के लिए कितना बजट होना चाहिए?

असम में घूमने जाने के लिए आपके पास करीब 12000 से 15000 रुपए होने चाहिए।

संबंधित पोस्ट देखें:-

Leave a Comment