7+Chatra me Ghumne ki jagah|चतरा में घूमने की जगह –

Chatra me Ghumne ki jagah- चतरा झारखंड का एक जिला है जो झारखंड राज्य के राजधानी रांची से 124 किलोमीटर दूरी है ,चतरा जाने के लिए आप सड़क के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं। यह घने जंगलों एवं पहाड़ों से घिरा हुआ है ,यहां पर लव लॉन्ग वन जीव अभ्यारण स्थित है जहां पर विभिन्न प्रकार के जानवर एवं वनस्पतियां भी मिलते हैं यह जिला में बहुत सारे नदियां हैं जिसमें से सबसे प्रमुख नदी फल्गु नदी है, चतरा में घूमने लायक बहुत जगह है चलिए जानते हैं उसके बारे में –

गोवा जलप्रपात चतरा – Goa Falls Chatra me ghumne ki jagah

Chatra me Ghumne ki jagah

गोवा जलप्रपात चतरा जिला का प्रसिद्ध जलप्रपात है, यह जलप्रपात पर्यटन की दृष्टिकोण से बहुत सुंदर जगह है जिसकी ऊंचाई 30 फिट से पानी गिरता है। चतरा शहर से करीब 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, यहां पर जाने के लिए गाड़ी बाइक से पहुंच सकते हैं उसके बाद डेढ़ किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है ।
यह प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है चारों तरफ जंगल पहाड़ और बड़े-बड़े चट्टान है, देखने के लिए व्यूपॉइंट भी बनाया गया है जहां से नदियों झरनों पहाड़ों का दृश्य अच्छे से देख सकते हैं यहां पर घूमने में बहुत मजा आएगा।

मालूदाह जलप्रपात चतरा – Maludah Falls Chatra

Chatra me Ghumne ki jagah

मालूदाह जलप्रपात चतरा जिले का एक प्राकृतिक पर्यटन तथा दर्शनीय स्थल है,चतरा जिला में से 10 किलोमीटर दूरी पर यह जलप्रपात स्थित है , जलप्रपात बहुत घना जंगल में है लेकिन यहां रास्ता बनाया गया है केवल दो से तीन किलोमीटर पैदल जाना पड़ सकता है, उसके बाद आप जलप्रपात तक पहुंचे जाएंगे यहां पहुंचकर जलप्रपात का आनंद ले सकते हैं यहां पर ऊंची चट्टान से पानी गिरता है जिसे देखकर बहुत आनंद आता है क्योंकि यह बड़े-बड़े चट्टानों और जंगल से घिरा हुआ है खास तौर पर बरसात के समय में सबसे अच्छा नजारा होता है यहां पहुंच कर सुकून एवं शांति प्राप्त कर सकते हैं।

खैवा बंदारू जलप्रपात चतरा – Khiva Bandaru Falls Chatra

खैवा बंदारू जलप्रपात चतरा जिले का प्राकृतिक पर्यटन एवं दर्शनीय स्थल है ,यह जलप्रपात चतरा जिला लावालोंग प्रखंड का बंदारू गांव के पास में है, जलप्रपात पहाड़ियों से बहती है वहां की चट्टानों में बहुत सुंदर-सुंदर कलाकृति बन गया है जिसे देखने में बहुत अच्छा लगता है ,पानी बार-बार जाने से चट्टान में अलग टाइप के खाई बन गया है जिसे से एक सुंदर कलाकृति तैयार हो गया है।
यह जलप्रपात को  वैली ऑफ मार्स  के नाम से भी जाना जाता है आप लोग यहां पर घूमने के लिए जाकर अद्भुत चट्टानों को देख सकते हैं ,चट्टानों के बीच में बहने वाली पानी बहुत शानदार नजारा होता है यह जलप्रपात जंगल में स्थित है इस जलप्रपात तक पहुंचने के लिए आप कार और बाइक द्वारा पहुंच सकते हैं, करीब 1 से 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है यहां पर पहुंचकर शांति का अनुभव ले सकते हैं।

डुमेर सुमेर जलप्रपात चतरा – Dumer Sumer Falls Chatra

Chatra me Ghumne ki jagah

डुमेर सुमेर जलप्रपात चतरा जिला के प्रमुख दर्शनीय स्थल है जो बहुत घना जंगल में स्थित है ,यह जाने के लिए बाइक कार का उपयोग कर सकते हैं दो-तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है यह जलप्रपात शहर चतरा से करीब 12 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। अगर आप बरसात के समय में घूमने के लिए जाते हैं तो आपको बहुत सुंदर एवं आकर्षक जलप्रपात देखने के लिए मिलेगा, यह जलप्रपात में ऊंची ऊंची चट्टानों से पानी गिरता है और नदिया में जाता है जिस नदी क किनारे पर चट्टानों को देखने के लिए मिलता है यहां पर जाकर बहुत शांति एवं सुकून मिलता है |

कौलेश्वरी देवी मंदिर चतरा – Kauleshwari Devi Temple Chatra

Chatra me Ghumne ki jagah

कौलेश्वरी देवी मंदिर चतरा जिला के प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है, यह मंदिर हंटरगंज से 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित है यहां जाने के लिए बाइक और कार से जा सकते हैं उसके लिए सड़क उपलब्ध है, यह मंदिर ऊंची पहाड़ पर बना हुआ है जिसे कोलुआ पहाड़ भी कहा जाता है मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बना हुआ है इस सीढ़ियां से चढ़कर पहाड़ी की चोटी तक पहुंचते हैं, उस चोटी पर प्राचीन मंदिर बना हुआ है मंदिर के गर्भ गृह में मां कुलेश्वरी देवी का दिव्य प्रतिमा दर्शन करते हैं ।
मां कुलेश्वरी का प्रतिमा की स्थापना राजा विराट के द्वारा की गई थी, मां की प्रतिमा काले रंग के पत्थर को तराश कर बनाया गया था।
नवरात्रि के समय यहां पर भक्तों की कतार लगी रहती है क्योंकि कहा जाता है कि जो भी आप मन्नत मांगते हैं वह आपकी जरूर पूरी होती है इस जगह के बारे में बताया जाता है कि यहां पर राम लक्ष्मण सीता बनवास के दौरान आए थे ।

तमासिन जलप्रपात चतरा – Tamasin Falls Chatra

Chatra me Ghumne ki jagah

तमासिन जलप्रपात चतरा जिला के प्रमुख प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है ,जिसे देखने के लिए बहुत दूर-दूर से जाते हैं क्योंकि यह जलप्रपात घने जंगल में स्थित है, और यहां बड़े-बड़े चट्टानों के बीच से होकर पानी बहता है ,जिसका नजारा बहुत सुंदर होता है इस जलप्रपात पहुंचने के लिए अपने वाहन का प्रयोग कर सकते हैं जलप्रपात तक जाने के लिए आपको सीढ़ी से उतरना पड़ता है यहां सीढ़ी बनाया गया है।
यह जलप्रपात का पानी पूरा साफ होता है इसलिए बड़े-बड़े चट्टान पारदर्शी की तरह सुंदर दिखाई देती है यहां पर बहुत सारे बंदर देखने के लिए मिलता है जिसके साथ आप समय को व्यतीत कर सकते हैं ,यहां पर एक गुफा है जिसमें मां भद्रकाली को समर्पित है यह गुफा पहाड़ों के बीच बनी हुई है इस गुफा में जाकर मां भद्रकाली का दर्शन कर सकते हैं यहां पर बरसात और ठंड में बहुत लोग घूमने आते हैं।

भद्रकाली मंदिर चतरा – Bhadrakali Temple Chatra

Chatra me Ghumne ki jagah

भद्रकाली मंदिर चतरा जिला का एक धार्मिक एवं पर्यटक स्थल है यह मंदिर बहुत पुरानी मंदिर है ,जो चतरा जिला के चंपारण हाईवे सड़क पर, इटखोरी के पास स्थित है यह मंदिर चतरा से 16 किलोमीटर दूरी पर स्थित है ,यहां जाने के लिए निजी वाहन या पब्लिक वाहन का भी प्रयोग कर सकते हैं यहां पर हिंदू मंदिर के साथ-साथ बौद्ध और जैन के मंदिर भी देखने के लिए मिलेंगे, यहां पर तीन पैर वाली मूर्ति भी देखने के लिए मिलेंगे ।
इस जगह पर सबसे प्रसिद्ध महाभारत काली मंदिर है यह मूर्ति बहुत सुंदर है ,इसे बनाने के लिए काले पत्थर को तराश कर बनाया गया है इस मूर्ति में शिलालेख बनाया गया है जो ब्राह्मी लिपि में अंकित है ।
बताया जाता है की नवी शताब्दी में राजा महेंद्र पाल के द्वारा यह मंदिर का निर्माण किया गया था। जिसे बौद्ध धर्म वाले लोग इस प्रतिमा को मां तारा के रूप में पूजते हैं, यहां पर फरवरी माह में घूमने का अच्छा समय है क्योंकि बहुत बड़ा मेला लगता है।

मां बागेश्वरी तीर्थ धाम स्थल चतरा – Maa Bageshwari pilgrimage site Chatra

मां बागेश्वरी तीर्थ धाम स्थल चतरा जिले का एक धार्मिक स्थल है जिसे हम लोग बलबल दुवारी के नाम से भी जाना जाता है, जो चतरा जिला से 35 किलोमीटर दूर पर गिद्धौर कटकमसैंडी रास्ते में स्थित है ,यहां पर गर्म पानी का कुंड भी देखने के लिए मिलता है ,कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से त्वचा की सारी बीमारियां ठीक हो जाती है ।
यहां पर मां बागेश्वरी का बहुत पुराना मंदिर है जिसमे माता का सुंदर प्रतिभा भी बना हुआ है ,यहां पर आपकी बौद्ध धर्म की प्राचीन मंदिर का अवशेष भी देखने के लिए मिलता है ,यहां पर मकर संक्रांति के समय बहुत बड़ा मेला लगता है, दूर-दूर से लोग मेला देखने और स्नान करने आते हैं।

कुंदा का किला चतरा – Kunda Fort Chatra

Chatra me Ghumne ki jagah

कुंदा का किला चतरा जिला का इतिहासिक एवं पर्यटक स्थल है ,यह किला बहुत पुरानी है इससे 17 वी शताब्दी के अंत में बनाया गया था, इस किला अवशेष का शेष बचा हुआ है इस किला दीवार झज्जर हो गए हैं यहां पर बहुत पर्यटक घूमने के लिए आते हैं यह किला लवलॉन्ग ब्लॉक के कुंदा गांव में स्थित है यहां पर मंदिर गुफा इत्यादि भी बनाया गया है जहां पर जाकर घूम सकते हैं बरसात के समय बहुत अच्छा लगता है क्योंकि चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है यहां पर एक कुंड भी है जिसे आप देख सकते हैं।

Chatra Map

FAQs,

चतरा क्यों प्रसिद्ध है?

चतरा क्यों प्रसिद्ध है?

चतरा जंगलों से घिरा और हरियाली से भरपूर है। क चतरा जिले में खनिज के साथ कोयला भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का प्रवेश द्वार कहे जाने वाला चतरा जिला की स्थापना 29 मई 1991 ईo में हुई थीI ।

चतरा में कौन सा मंदिर है?

भद्रकाली मंदिर

चतरा जिले में कितने गांव आते हैं?

चतरा भारतीय राज्य झारखण्ड के 24 जिलो में से एक है | इसका गठन 29-05-1991 में किया गया था | चतरा जिला में दो अनुमंडल एवं 12 अंचल / प्रखंड , 154 पंचायत एवं 1474 राजस्व गाँव है | चतरा में एक नगर पर्षद है जो की चतरा जिला मुख्यालय में है |

झारखंड के चतरा जिला कब बना?

चतरा जिला हजारीबाग जिले का उपखंड था और इसे जिले के रूप में अधिसूचना सं 128 दिनांक 29-05-1991 द्वारा बनाया गया था।

चतरा का मतलब क्या होता है?

छत्र (संस्कृत से: छत्र, जिसका अर्थ है “छाता” ) हिंदू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में एक शुभ प्रतीक है।

संबंधित पोस्ट देखें:-

1 thought on “7+Chatra me Ghumne ki jagah|चतरा में घूमने की जगह –”

Leave a Comment